दिल्ली की राजनीति में हलचल मचाने वाली खबर आई है। चुनाव आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 70 सीटों पर पांच फरवरी को मतदान होगा, जबकि आठ फरवरी को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे। दिल्ली में एक ही चरण में मतदान प्रक्रिया पूरी होगी। 2020 में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 62 सीटों पर कब्जा किया था। इस बार क्या होगा? यह सवाल हर किसी के मन में है।राजनीतिक दलों की तैयारियां जोरों परआम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस तीनों प्रमुख दल चुनावी रणनीतियां बनाने में जुट गए हैं। आप के मनीष सिसोदिया ने अपने समर्थकों को विश्वास दिलाया है कि 8 फरवरी को फिर से आप की सरकार बनेगी। उन्होंने जनता से अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान करें। वहीं, भाजपा दिल्ली में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस के लिए यह चुनाव अस्तित्व बचाने की चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।चुनाव आयोग की तैयारियांमुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि दिल्ली में 13,000 से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे। विशेष रूप से 85 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए खास व्यवस्थाएं होंगी। व्हीलचेयर, रैंप और स्वयंसेवकों की मदद से मतदान प्रक्रिया को सुगम बनाया जाएगा।दिल्ली के मतदाताओं की संख्यादिल्ली में कुल मतदाताओं की संख्या 1.55 करोड़ है। इसमें 85.49 लाख पुरुष और 71.73 लाख महिला मतदाता शामिल हैं। इस बार करीब 2 लाख लोग पहली बार मतदान करेंगे। चुनाव आयोग ने पारदर्शिता बनाए रखने का आश्वासन दिया है और मतदाताओं से किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है।मुख्य चुनाव आयुक्त ने शंकाओं को किया खारिजमुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, "चुनाव में किसी भी तरह की हेराफेरी की संभावना नहीं है।" उन्होंने शाम के समय वोटिंग प्रतिशत बढ़ने को लेकर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए इसे निराधार बताया। आयोग ने जोर देकर कहा कि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होगी।दिल्ली चुनाव का महत्वदिल्ली विधानसभा चुनाव केवल एक राज्य का चुनाव नहीं है, बल्कि यह देश की राजनीति की दिशा तय करने वाला माना जाता है। आम आदमी पार्टी के सामने सत्ता बनाए रखने की चुनौती है, तो भाजपा अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। कांग्रेस के लिए यह चुनाव अपने खोए हुए जनाधार को वापस पाने का आखिरी मौका हो सकता है।