भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इंडिया गेट का नाम बदलकर 'भारत माता द्वार' करने की अपील की है।उन्होंने अपने पत्र में दावा करते हुए कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने मुगल आक्रमणकारियों और ब्रिटिश लुटेरों द्वारा दिए गए घावों को भरने का काम किया है। उन्होंने कहा, "इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार करना ही हजारों देशभक्तों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया और जिनके नाम इसपर अंकित हैं।"सिद्दीकी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने औरंगजेब के नाम वाले एक मार्ग का नाम बदलकर एपीजे कलाम आजाद रोड कर दिया और इंडिया गेट स्थित किंग जॉर्ज पंचम की प्रतिमा की जगह सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगा दी। उन्होंने कहा कि राजपथ का नाम भारतीय संस्कृति से जोड़कर कर्तव्य पथ कर दिया गया, ठीक इसी तरह इंडिया गेट को 'भारत माता द्वार' नाम दिया जा सकता है।उन्होंने कहा, "महोदय, आपने क्रूर मुगल औरंगजेब के नाम पर बनी सड़क का नाम बदलकर एपीजे कलाम रोड कर दिया। इंडिया गेट से किंग जॉर्ज पंचम की मूर्ति हटाकर उसकी जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगा दी और राजपथ का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' कर भारत की संस्कृति को जोड़ दिया। इसी तरह, मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि कृपया इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार रखने की कृपा करें।"उन्होंने कहा, "इंडिया गेट का नाम बदलकर भारत माता द्वार रखना उन हजारों शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिनके नाम स्तंभ पर अंकित हैं। मैं आपसे विनम्र निवेदन करता हूं कि मेरे प्रस्ताव पर विचार करें और भारत माता द्वार रखने की अनुमति दें।"पिछले साल जुलाई में राष्ट्रपति भवन के प्रतिष्ठित 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर क्रमशः 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक मंडप' कर दिया गया था। 'दरबार हॉल' राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोहों और समारोहों का स्थल है। वहीं, 'अशोक हॉल' मूल रूप से एक बॉलरूम था।