देश में प्रति वर्ष सितंबर से अक्टूबर के महीने में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी होती है। डेंगू मच्छर के काटने से होता है जिसकी वजह से व्यक्ति को तेज बुखार आता है और शरीर में प्लेटलेट्स कम होना शुरू हो जाती हैं और इसका समय से इलाज नहीं कराया तो मरीज जान भी जा सकती है।इसका इलाज तो व्यक्ति किसी ना किसी तरह से अस्पताल में भर्ती होकर डेंगू का बुखार तो ठीक करा लेता है लेकिन उसका असर लंबे समय तक रहता है। क्योंकि एक शोध में सामने आया है कि डेंगू का बुखार दिल संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ाता है।सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुए शोध में यह बात सामने आई है कि कोविड-19 की तुलना में डेंगू के मरीजों को हार्ट की बीमारियां होने का खतरा 55 प्रतिशत तक अधिक रहता है। जर्नल ऑफ ट्रैवल मेडिसिन में प्रकाशित इस अध्ययन में डेंगू के 11,700 से अधिक मरीजों और कोविड-19 के 12 लाख से अधिक मरीजों का परीक्षण और मेडिकल डाटा का विश्लेषण किया गया है।नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में संक्रामक रोग मॉडलिंग के सहायक प्रोफेसर और प्रमुख लेखक लिम जुए ताओ का कहना है कि डेंगू विश्व स्तर पर सबसे आम वेक्टर जनित रोगों में से एक है और डेंगू के कारण होने वाली दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं चिंता का विषय है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश के दक्षिणी राज्यों सहित महाराष्ट्र, दिल्ली में भी डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में ये रिपोर्ट एक बड़ी स्वास्थ्य चिंता खड़ी करती है।अभी तक देश में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों और हार्ट संबंधी बीमारियों के लिए कोविड-19 को एक बड़ा कारण माना जा रहा था.कहा जा रहा था कि कोविड-19 के बाद हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी हुई है क्योंकि लॉन्गटर्म में ये बुखार ब्लड में क्लोटिंग की वजह बनता है जिससे हार्ट की आर्टरीज में ब्लॉकेज आनी शुरू हो जाती है लेकिन डेंगू को कोविड-19 से भी ज्यादा असरदार बताया जा रहा है. यानी आने वाले समय में हार्ट की बीमारियों के लिए डेंगू होना भी एक बड़ा कारण माना जाएगा ।