भोपाल के जंगल की जिस लावारिस इनोवा गाड़ी से 10 करोड़ कैश और 52 किलो सोना बरामाद हुआ है उसके मालिक का पता चल चुका है। यह कोई और नहीं बल्कि उसका मालिक आरटीओ का वही पूर्व हवलदार सौरभ शर्मा है जिसके घर से एक दिन पहले हुई छापेमारी में 1.15 करोड़ नकद, आधा किलो सोना, हीरे, 50 लाख के जेवरात, चांदी की सिल्लियां और प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे, इतना ही नहीं बल्कि उसके ऑफिस से भी 1.70 करोड़ रुपए का कैश और प्रॉपर्टी के कागज भी मिले थे। दरअसल सौरभ ने मात्र 7 साल आरटीओ कॉन्सटेबल के तौर पर नौकरी की थी, उसके बाद उसने वीआरएस ले लिया था और प्रॉपर्टी डीलिंग में हाथ जमाया और देखते ही देखते वह अकूत संपत्ति का मालिक बन गया। सौरभ के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे लेकिन 2015 में उनका निधन हो गया था। जिसके बाद सौरभ को परिवहन विभाग में अनुकंपा पर नौकरी कर रहा था। डीजी लोकायुक्त को सौरभ शर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी जिसके बाद उस पर कार्रवाई की गई।सौरभ के जिस घर पर छापेमारी की गई वह आलीशान है। घर की डेकोरेशन पर उसने करीब दो करोड़ रुपए खर्च किए। घर में बेशकीमती सेनेटरी झूमर और कई अन्य लग्जरी सामान मिले जिनकी कीमत लाखों में है।नौकरी से वीआरएस लेने के बाद सौरभ ने नेताओं और रसूखदार बिल्डरों से साठगांठ की और कई नामचीन प्रॉपर्टी में निवेश करना शुरू कर दिया। सूत्रों की माने तो एक प्रभावशाली मंत्री के संरक्षण में सौरभ का कारोबार फल-फूल रहा था। जिस मंत्री का सौरभ के ऊपर हाथ बताया जा रहा है वह पहले कमलनाथ सरकार, शिवराज सिंह सरकार और अब मोहन सरकार में भी मंत्री है।सौरभ शुरू से इतना अमीर नहीं था। नौकरी छोड़ने से पहले उसने परिवहन विभाग में बड़े अधिकारियों से साठगांठ कर ली थी जिसके बाद उसने परिवहन विभाग में नाका तैनाती और ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर जमकर काली कमाई की और फिर इस पैसे को रियल एस्टेट के कारोबार में झौंक दिया।बताया जाता है कि उसने अवैध तरीके से एक एनजीओ से स्कूल अपने नाम कर लिया। हाल ही में उनसे दो मकान और खरीदे हैं। इतनी ही नहीं उसने भोपाल के सबसे पॉश क्षेत्र अरेरा कॉलोनी में भी उसका ठिकाना है।लोकायुक्त जांच में सामने आया है कि फिलहाल सौरभ दुबई में है और भोपाल स्थित घर में केवल उसकी मां और नौकर रह रहे हैं