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क्या आप जानते हैं गुजरात में है एशिया का सबसे अमीर गांव माधापार, जाने इसकी अनकही कहानी

10:56 AM Aug 23, 2024 IST | उत्तरा न्यूज टीम
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भारत में दशकों से यह सुना जा रहा है कि गांव वीरान हो रहे हैं और शहर लगातार आबाद होते जा रहे हैं।
गरीबी और बेरोजगारी से छुटकारा पाने के लिए सभी युवा शहर की ओर अपना रुख कर रहे हैं लेकिन भारत में एक ऐसा गांव है जहां देश के टॉप बैंकों में अपनी शाखाएं खोलने के लिए होड़ मची है।

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एशिया के सबसे अमीर इस गांव में अकेले 7000 करोड़ रुपये की फिक्स डिपाजिट गांव के लोगों ने कर रखी है। 

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गुजरात में कच्छ का रण एक ऐसी जगह है जिससे देश ही नहीं दुनिया भी वाकिफ है। लेकिन इस इलाके का एक गांव इन दिनों काफी चर्चा में बना हुआ है। यह गांव अपने समृद्धि और जमीन से जुड़े लोगों की वजह से काफी पॉप्युलर है। 32000 की आबादी वाला माधापार गांव काकशील जिला का एक सामान्य गांव था लेकिन भुज के बाहरी इलाकों में स्थित इस गांव को यहां के लोगों ने एशिया का सबसे अमीर गांव बना दिया इस गांव में करीब 8000 मकान है।

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बताया जा रहा है कि अन्य गांव की तरह यहां भी कुछ दशक पहले काफी बेरोजगारी थी। पटेल बाहुल्य इस गांव के लोग व्यवसाय पर ही निर्भर थे। करीब 30 से 32000 की आबादी वाले इस गांव में काफी लोग विदेश में रोजगार या व्यवसाय की तलाश में चले गए कुछ वहां बस गए और उनका व्यवसाय काफी चल गया लेकिन इन लोगों ने अपने गांव से नाता नहीं तोड़ा।

गांव के लोगों का कहना है इस गांव का कोई भी व्यक्ति दुनिया या देश के किसी भी कोने में गया हो लेकिन वहअपने गांव से जुड़ने की कोशिश जरूर करता है। यहां के डाकघर या बैंक में उसके अपने या परिवार के अकाउंट हैं। वह अपनी सेविंग्स का काफी हिस्सा यहां गांव के बैंकों में रखते हैं।गांव में विकास कार्य भी हो रहे हैं । रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए। अब यह गांव शहरों से अपना कंपटीशन करता है।

मधापार गांव में 17 बैंकों की ब्रांचेस है यहां एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, एसबीआई, पीएनबी, एक्सिस बैंक, यूनियन बैंक सहित सभी प्रमुख बैंकों के ब्रांच हैं। बताया जाता है कि गांव में खुले बैंकों में ब्रांच में यहां लोगों ने साथ हजार करोड रुपए से अधिक की धनराशि के एचडी कर रखी है। गांव में खुले इन बैंकों का सालाना व्यवसाय कई मेट्रो शहरों के बैंकों से कई गुना अधिक है। बताया जाता है कि यहां हर व्यक्ति ने 15-20 लाख रुपये एफडी कराया है।

कच्छ जिला के माधापार गांव में करीब 1200 एनआरआई परिवार हैं। इसमें अधिकतर अफ्रीकी देशों में हैं। इस गांव के तमाम एनआरआई लोगों का सेंट्रल अफ्रीका में कंस्ट्रक्शन बिजनेस में काफी दबदबा है।यहां कई दर्जन बड़े उद्योगपति हैं। तमाम परिवार यहां के यूके, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और न्यूजीलैंड में भी रहते हैं।

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