कानपुर देहात फैक्ट्री में जहां यह हादसा हुआ वहां एक गोदाम था जो काफी खुले क्षेत्र में टीनशेड के नीचे बना हुआ था। आगे वह पीछे तरफ गेट था लेकिन सभी के मन में यह सवाल बार-बार आ रहा है कि इतना खुला क्षेत्र होने के कारण आखिर वह श्रमिक भाग क्यों नहीं पाए। पुलिस जांच में सामने आया है कि गोदाम के ऊपर तक फोम के बंडल भरे पड़े थे।बताया जा रहा है कि जहां टीन शेड है वहां तक पूरे फोम के बंडल लगे हुए थे। ऐसे में जैसे ही आग लगी फोम होने की वजह से वह काफी तेजी से जलने लगे और उन्हें कहीं भी भगाने का मौका नहीं मिल पाया, जो किनारे थे वह भी आग की चपेट में आ गए और गिरते-पढ़ने बाहर निकले।फैक्ट्री के एक हिस्से में मशीनरी लगे जहां प्लास्टिक दाने से फोम को तैयार करने के बाद उसका बंडल बनाया जाता था। इसको श्रमिक पास के ही दूसरे हिस्से में टिनशेड के नीचे जो गोदाम था वहां जमा करते थे। माल इतना जमा कर दिया गया था कि करीब 12 मीटर टीन के करीब तक बंडल रख लिए गए थे।घटना के समय प्रांशु, लवकुश व मनोज ऊपर चढ़कर बंडल ही रख रहे थे, इससे जैसे ही आग लगी तो उनको तो बचने का मौका तक न मिल सका और आग से टिनशेड व दीवार गिरी तो दब भी गए। इसके अलावा अमित बीच में था तो वह भी काफी झुलस गया था बाकी किनारे थे तो किसी तरह निकले पर झुलसकर तड़पते रहे।