आज के समय में डायबिटीज की समस्या सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। भारत में कई लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं। इसमें सबसे खास बात यह है कि अभी तक ये बीमारी सिर्फ बड़ो में पाई जा रही थी लेकिन अब इस बीमारी ने बच्चों को भी अपना शिकार बनाना चालू कर दिया है।जिसके पीछे की कई वजह है लेकिन जो कारण प्रमुखता से सामने आया है वो है खराब लाइफस्टाइल है। बच्चों के खानपान की आदतें बच्चों में डायबिटीज का कारण बनी हुई है।अध्ययनकर्ताओं ने बताया, हाल के कुछ वर्षों में बच्चों में भी डायबिटीज का जोखिम बढ़ते हुए देखा जा रहा है। बच्चों में मुख्यरूप से टाइप-1 डायबिटीज का खतरा होता है, पर कुछ बच्चों को टाइप-2 का भी शिकार पाया जा रहा है। कम उम्र में मधुमेह की समस्या, कई प्रकार की जटिलताओं को बढ़ाने के साथ क्वालिटी ऑफ लाइफ को भी प्रभावित करने वाली हो सकती है।बच्चों में डायबिटीज का जल्द पता लगाने के लिए इन लक्षणों पर ध्यान दें।बार-बार पेशाब आनामूत्राशय में संक्रमण होनासंक्रमण, घावों का धीमा उपचारथकान के साथ धुंधली आंखेअधिक प्यास लगनाब्लड में ग्लूकोज का हाई लेवलहाथ पैरों में झनझनाहट होनामिचली और उल्टी के साथ मिजाजइन तरीकों का पालन कर डायबिटीज की बीमारी को करें दूरबच्चों को स्वस्थ भोजन का महत्व सिखाना, जंक फूड से परहेज करना, स्वस्थ स्नैकिंग में शामिल होना, खाने के दौरान स्क्रीन से परहेज करना, अधिक पानी पीना, अधिक फल और हरी सब्जियों का सेवन करना, धीरे-धीरे खाना, भरे पेट के साथ भोजन की खरीदारी करना, परिवार के साथ भोजन करना।अपने बच्चे को प्रत्येक दिन कम से कम 60 मिनट के लिए किसी फिजिकल एक्टिविटी में शामिल करें, जितना हो सके उसे किसी फिजिकल एक्टिविटी में शामिल करें ताकि उसकी बॉडी एक्टिव रहे और बच्चा डायबिटीज की बीमारी से बचा रहे।बच्चों की मेंटल हेल्थ पर ध्यान दें ताकि वे पढ़ाई में मन लगा सकें और लोगों के साथ कनेक्ट कर सकें।माता-पिता को समय-समय पर अपने बच्चों की डायबिटीज की जांच करा लेनी चाहिए।बच्चों को अच्छी डाइट दें।उसके ब्लड शुगर के लेवल की समय-समय पर जांच करते रहे। कुछ दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।