त्योहार सीजन से पहले खाने के तेल के दामों में जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है, जिसकी वजह से लोगों का बजट काफी बिगड़ गया है। बताया जा रहा है कि एक महीने में सरसों के तेल के दामों में 9.10% और पाम तेल के दामों में 14.16% का उछाल आया है।वहीं रिटेल मार्केट और ऑनलाइन ग्रॉसरी कंपनियों के पोर्टल पर सरसों तेल के दामों में 26 फीसदी की बढ़ोतरी आ चुकी है।ऑनलाइन ग्रॉसरी पोर्टल पर एक महीने में सरसों का तेल 139 रुपए प्रति किलो मिल रहा था जिसकी कीमत अब 176 रुपए प्रति किलो हो गई है यानि पिछली कीमतों में 26.61% का उछाल आया है। देश में खाने के तेल के तौर पर सबसे ज्यादा सरसों का तेल इस्तेमाल किया जाता है।डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के प्राइस मॉनिटरिंग डिविजन के मुताबिक एक महीने पहले 25 अगस्त 2024 को जो सरसों तेल 139.19 रुपये प्रति किलो में मिल रहा था वो अब 151.85 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है। मुंबई में सरसों तेल 183 रुपये, दिल्ली में 165 रुपये कोलकाता में 181 रुपये, चेन्नई में 167 रुपये और रांची में 163 रुपये प्रति किलो में मिल रहा है।सरसों के तेल के अलावा बाकी खाने के तेल के दामों में भी काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सनफ्लावर तेल एक महीने पहले जहां 119 रुपए प्रति किलो मिल रहा था वह अब 129 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। पाम आयल 1 महीने पहले 98 रुपए 28 पैसे प्रति किलो मिल रहा था वहीं अब 112 रुपए प्रति किलो मिल रहा है। सोया ऑयल की कीमतें भी एक महीने में 117.45 रुपये से बढ़कर 127.62 रुपये किलो हो गई है. वनस्पति की कीमत 122.04 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 129.04 रुपये प्रति किलो हो गई है।खाने के तेलों में उछाल की वजह से केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी कर दी है जिसे खाने का तेल आयात करना महंगा हो गया है। सरकार ने क्रूड सोयाबीन ऑयल, क्रूड पाम ऑयल और क्रूड सनफ्लावर ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को शून्य से बढ़ाकर 20 फीसदी और खाने के तेलों पर 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 32.5 फीसदी कर दिया है। सरकार के इस फैसले के चलते पाम आयल से लेकर सोया, सरसों सभी प्रकार के खाने के तेल महंगे हुए हैं।