बुलंदशहर की यमुनापुरम कॉलोनी से एक वह सनसनीखेज मामला सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि यहां पर बाइक की चाबी ना देने पर बेटा अपने पिता से इतना नाराज हुआ कि उसने अपने पिता की चाकू से हत्या कर दी। हेड कॉन्स्टेबल ऊर्जा निगम के बुलंदशहर विजिलेंस थाने में तैनात थे।पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है और कत्ल का हथियार भी बरामद कर लिया है। पुलिस ने शव को भी पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है कोतवाली देहात क्षेत्र की यमुना पुरम कॉलोनी में इंद्रप्रस्थ स्कूल के पास रहने वाले 48 वर्षीय प्रवीण ऊर्जा निगम में विजिलेंस थाने में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे उनकी पत्नी सविता खुर्जा क्षेत्र के किर्रा जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिका हैं। दोनों के एक 15 वर्षीय बेटा ही है।बेटा शहर के प्रतिष्ठित स्कूल में कक्षा 10 का छात्र है। बताया जा रहा है कि शाम को प्रवीण अपने परिवार के साथ अपने मकान में थे लगभग 6:00 बजे बेटे ने प्रवीण से बाइक की चाबी मांगी तो उन्होंने देने से इनकार कर दिया। इस पर उनका इकलौता बेटा काफी गुस्से में आ गया और उस सब्जी काटने वाले चाकू से अपने पिता की हत्या कर दी।गुस्साए हुए पागल बेटे ने अपने पिता के सीने पर ताबड़तोड़ कई बार किया। सीने में लगते ही वह लहूलुहान होकर घर में ही गिर गए।इसके बाद शोर मचाया तो मोहल्ले के लोग आ गए। घायल हेड कांस्टेबल को मोहल्ले के लोग शहर के निजी अस्पताल में लेकर गए जहां उपचार के दौरान पिता ने दम तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस को इस बात की सूचना मिली। घटना के बाद मोहल्ले वाले परिचित लोग हेड कांस्टेबल के घर पहुंचे। सूचना मिलने के बाद कोतवाली देहात प्रभारी शैलेंद्र प्रताप सिंह फोर्स के साथ पहले इमेज अस्पताल के ऑफिस घटना स्थल पर जाकर निरीक्षण किया।पुलिस ने आरोपी नाबालिग बेटे को हिरासत में ले लिया है और चाकू को बरामद कर लिया है। कोतवाली देहात प्रभारी का कहना है कि हत्यारोपित बेटा नाबालिग है, जिसको हिरासत में लिया है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज रहे हैं।मोहल्ले के लोगों ने बताया कि शाम को हेड कांस्टेबल के घर से चीखने की आवाज आने लगी तो पड़ोसी अपने घर से निकलकर उनके घर गए देखा प्रवीण फर्श पर लहू लूहान पड़े। हुए थे लोगों का कहना है कि बेटा जब चाकू से पिता परिवार कर रहा था तो मां रोकने के लिए चीखती रही लेकिन तब तक बेटे ने चाकू से कई वार कर दिए थे।हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी सविता जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिका है। शिक्षा और संस्कार देने की बहुत हद तक जिम्मेदारी मां पर होती है। घटनास्थल पर खड़े मोहल्ले के लोगों के मुंह से बस इतना ही निकला कि शिक्षिका होने के बाद भी मां बेटे को संस्कार नहीं दे पाई और उसने पिता के खून से हाथ लाल कर कर लिए।