देहरादून: तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों को दिए जाने वाला लड्डू के प्रसाद में मिलावट का मामला इन दिनों चर्चाओ में हैं। जिसके बाद से ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के सभी राज्यों को मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए निर्देशित किया है। इसके तहत खासकर मिठाई की दुकानों में बनाए जा रहे लड्डू, तमाम कंपनियों की ओर से बनाए जा रहे घी और मक्खन की जांच करने के निर्देश दिये गये हैं। जिसके बाद उत्तराखंड खाद्य संरक्षण विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है। ऐसे में फूड इंस्पेक्टर, प्रदेश भर में मिठाई की दुकानों पर छापेमारी कर लड्डू के सैंपल, कई तरह कंपनियों की बाजारों में बिक रही घी और मक्खन के सैंपल ले रहे हैं।बता दें कि उत्तराखंड में फिलहाल एक ही टेस्टिंग लैब है जो की रुद्रपुर में स्थित है। जहां पूरे राज्य भर से खाद्य पदार्थ के सैंपल की जांच की जाती है।एफडीए के अपर आयुक्त ताजबेर सिंह ने बताया कि खाद्य पदार्थों के लिए टीम गठित की गई है। यह टीम घी, मिल्क और मक्खन से बने खाद्य पदार्थों की जांच प्रॉपर तरीके से कर रही है। उन्होंने कहा लड्डू के साथ ही अन्य मिठाइयों के भी सैंपल लिए जा रहे हैं। कहा कि कुछ दिनों में त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है, जिसके चलते अन्य राज्यों से भी खाद्य पदार्थों की सप्लाई होती है। जिसके लिए टीम गठित की गई है, जो इन सभी चीजों पर नजर बनाये हुए हैं।उन्होंने बताया सभी खाद्य इंस्पेक्टर को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर सैंपल एकत्र करने की कार्रवाई करें। उन्होंने कहा यह लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, जो त्योहारी सीजन से पहले ही शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही लोगों की शिकायतों के आधार पर भी जांच की कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही स्कूल- कॉलेज के किचन में भी चेकिंग की जा रही है।उत्तराखंड चारधाम की यात्रा शुरू होने के दौरान एफडीए की ओर से वृहद स्तर पर अभियान चलाया था। तब चारधाम यात्रा मार्गो पर मौजूद होटल, ढाबों, रेस्टोरेंट में छापेमारी कर खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और साफ सफाई व्यवस्था को जांचा गया था, लेकिन कुछ समय बाद यह छापेमारी की कार्रवाई सुस्त पड़ गई। जिसके सवाल पर अपर आयुक्त ने कहा वर्तमान समय में रेगुलर बेसिस पर अभियान चलाया जा रहा है। हाल ही में हरिद्वार, देहरादून, हल्द्वानी में जांच की कार्यवाही की गई है।ऐसे में टीम को जांच के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में भेजा गया है।खाद्य संरक्षा विभाग की ओर से खाद्य पदार्थों में मिलावट के संदेह के आधार पर सैंपल तो ले लिया जाता है लेकिन सैंपल की जांच रिपोर्ट आने में एक लंबा वक्त बीत जाता है। इस पर अपर आयुक्त ने कहा पहले इस तरह की समस्याएं देखी जा रही थी लेकिन आज के समय में अच्छी लैब मौजूद हैं। ऐसे में 10 से 15 दिन के भीतर सैंपल की जांच कर रिपोर्ट मंगवा ली जाती है। जिसके बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाती है।