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उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के एक निजी स्कूली की महिला क्लर्क बीते पांच सालों से फीस के नाम पर बड़ा खेल खेल रही थी। जिसके बारे में स्कूल प्रबंधन को भनक तक नहीं लगी। फीस के नाम पर महिला क्लर्क ने करीब एक करोड़ रुपए का घोटाला किया हैं।
जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय के निजी स्कूल में छात्रों की फीस जमा करने के नाम पर 1.09 करोड़ रूपए की धोखाधड़ी करने की आरोपी महिला क्लर्क को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। स्कूल प्रबंधक ने क्लर्क के विरुद्ध कोतवाली पुलिस को शिकायती पत्र दिया है। जिसके आधार पर पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता से संबंधित विभिन्न धाराओं लार मुकदमा दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के अनुसार एक निजी स्कूल की प्रबंधक डॉ. जया पटेल ने स्कूल में बच्चों की फीस जमा करने के नाम पर स्कूल की ही क्लर्क अनुराधा पर उसके रिश्तेदारों के साथ मिलकर षडयंत्र करने का आरोप लगाया था। डॉ. जया पटेल ने तहरीर में बताया कि वर्ष 2013 से लेखा प्रभारी के पद पर तैनात अनुराधा ने फर्जी फीस रसीद तैयार कर 10912143 रुपए की धोखाधड़ी की।
इस मामले में एसपी अमित श्रीवास्तव ने पुलिस अधिकारियों को निष्पक्ष जांच और अभियुक्त को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए, जिस पर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने पुलिस टीम गठित कर मामले की जांच करते हुए स्कूल से प्राप्त फीस रसीदों, रजिस्टरों, बैंक स्टेटमेंट, घटनास्थल का निरीक्षण कर छात्रों, अभिभावकों व मामले से जुड़े लोगों के बयान दर्ज कर साक्ष्य जुटाए।
कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि तहरीर में स्कूल प्रबंधक ने बताया कि लेखा प्रभारी के पद पर तैनात क्लर्क अनुराधा ने फर्जी फीस रसीद तैयार कर अभिभावकों से तो फीस ली, लेकिन स्कूल प्रबंधन को यह बताया कि अभिभावकों ने फीस नहीं दी है।
उन्होंने फीस जमा करने के लिए समय मांगा है, लेकिन जब लगातार कुछ छात्रों की फीस बकाया होने लगी तो प्रधानचार्य ने बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया, जिससे धोखाधड़ी का शक हुआ। देहरादून की एक चार्टेड एकाउंटेंट फर्म से स्कूल की बैलेंस सीट तैयार कराने पर बड़ी बकाया धनराशि से मामले का खुलासा हो गया।आरोपी क्लर्क पर वर्ष 2017 से 2024 तक बच्चों की फीस की धनराशि गबन करने का आरोप है।