अल्मोड़ा:वनाग्नि प्रबंधन हेतु शीतलाखेत मॉडल को उत्तराखंड प्रदेश में लागू किये जाने के राज्य सरकार के निर्णय के क्रम में गढ़वाल वन प्रभाग से 50 सदस्यों का एक दल शीतलाखेत पहुंच गया है।दल में 25 वन सरपंच और 25 वन कर्मचारी शामिल हैं।दल का नेतृत्व महेंद्र सिंह रावत, वन क्षेत्राधिकारी, थैलीसेण रेंज कर रहे हैं।दल को आज सुबह ग्रामीणों तथा वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से विकसित ए एन आर क्षेत्र का भ्रमण कराया गया। दल को बताया गया कि यदि किसी भी वन क्षेत्र को आग से सुरक्षित रखा जाये तो उस क्षेत्र में प्राकृतिक पुनरोत्पादन से , बिना पौधरोपण के जंगल विकसित हो जाता है. इसके अलावा भ्रमण दल को वनाग्नि नियंत्रण हेतु निर्मित फायर पट्टीयों का भी निरीक्षण कराया गया।दोपहर में भ्रमण दल को जंगल बचाओ - जीवन बचाओ अभियान के मुख्य सहयोगी गांवों गरसारी, बरसीला का भ्रमण कराया गया जहाँ महिला मंगल दल अध्यक्ष अनीता कनवाल , सरपंच राजेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान श्रीमती गंगा बिष्ट के नेतृत्व में ग्रामीणों ने दल का भव्य स्वागत किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्वती देवी, हेमा पाठक तथा संचालन नरेंद्र सिंह बिष्ट द्वारा किया गया।कार्यक्रम में गरसारी, बरसीला की मातृ शक्ति द्वारा भ्रमण दल के सदस्यों को जंगल बचाओ - जीवन बचाओ अभियान की जानकारी दी गयी. बताया कि पानी हवा और क्लाइमेट के लिए बेहद जरुरी जंगलों को बचाने में वो हमेशा वन विभाग को सहयोग दे रहे हैं।शाम को भ्रमण दल को पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मानव जीवन में जंगल के महत्व, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन की जानकारी दी गयी और शीतलाखेत मॉडल के बारे में बताया गया।हेम चंद्र आर्या उप वन क्षेत्राधिकारी, हरीश पाठक, रूचि पाठक, किरन पाठक, बचूली देवी, तनुज कुमार, तनुज , लछमा देवी, नीमा देवी, गीता देवी, मंजू देवी, पूरन कनवाल, दीवान सिंह ढेला, कविता मेहता, राधा परिहार, श्याम कुमार, फार्मेसी अधिकारी गजेंद्र पाठक आदि उपस्थित रहे।