Almora: Gayatri family will raise public awareness for the 22nd year to stop animal sacrifice in temples.3 अक्टूबर 2024 से प्रारम्भ हो रही आश्विन माह की नवरात्रि के दौरान चितई गैराड़ आदि जिले के मंदिरों में पशुबलि पर पूर्ण रोक के संबंध में प्रशासन को दिया ज्ञापन अल्मोड़ा: गायत्री परिवार वर्ष 2002 से मंदिरों में पशुबलि पर पूर्ण रोक के संबंध में संघर्षरत है। इसी पहल के तहत इस बार भी गायत्री परिवार के सदस्य पशुबलि को खत्म करने के लिए जनजागरण का कार्यक्रम जारी रखेंगे। इस संबंध में गायत्री परिवार के सदस्यों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया और कहा कि निरन्तर जनजागरण व प्रशासन के सहयोग व प्रयास से पशुबलि में कमी आई है। और अब उच्च न्यायालय द्वारा भी पशुबलि पर पूर्ण रोक लगाने के आदेश दिये जा चुके हैं। फिर भी कई लोग नवरात्रियों में पशुबलि हेतु बकरे मंदिरों में ले आते हैं। ज्ञापन में विगत वर्षों की नवरात्रियों की तरह चितई स्थित भी गोलू मंदिर के पिछले गेट की तरफ पर्याप्त संख्या में पुलिस बल व्यक्ति पिछले गेट से नियुक्त करने की कृपा करें ताकि कोई भी पशुबलि हेतु बकरे मंदिर में न लाने पाए। इसके अलावा मंदिन में किसी भी प्रकार से नशा कर आने वालों पर सख्ती किए जाने, चितई में डाना गोलू मंदिर, गैराड़ गोलू मंदिर व श्री गंगनाथ मंदिर का पूरा क्षेत्र "पवित्र तीर्थ क्षेत्र " है। इस क्षेत्र में कोई भी पशुबलि व कूड़ा-करकट गंदगी फैलाने जैसा कार्य न कर सके, ऐसे निर्देश पुलिस बल को दिए जाने और चितई में नवरात्रि के दौरान पशुबलि नशा व गंदगी के खिलाफ जनजागरण करने वालों को आवश्यक सुरक्षा व सहयोग प्रदान करने की मांग की। ज्ञापन में मीनू भट्ट,कुन्दन प्रसाद,प्रेमा काण्डपाल,अशोक कुमार,अनीता कफलिया,विमला वर्मा,मंजू जोशी,मीनाक्षी पाण्डेय,गोपा जोशी, कुसुमलता काण्डपाल,भगीरथ पाण्डेय,बलवन्त कुमार,पूरन चन्द्र काण्डपाल,भीम सिंह अधिकारी, आशा वर्मा,उर्मिला तिवारी,सुशीला तिवारी,गीता साह,रेखा भट्ट,राम सिंह बिष्ट,मोहन चन्द्र पाण्डेय,दीपा जोशी,इन्द्रा गनघरिया,सरोज भट्ट, दीपा साह, मयंक नेगी आदि के हस्ताक्षर हैं।