अगर आप गूगल क्रोम का इस्तेमाल करते हैं, तो सतर्क हो जाइए! भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ने गूगल क्रोम यूजर्स को हाई रिस्क वार्निंग जारी की है।बताया गया है कि ब्राउज़र के डेस्कटॉप वर्जन में कई खामियां पाई गई हैं, जो यूजर्स के डेटा और सिस्टम की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा हैं। इन खामियों का उपयोग कर हैकर्स आपके सिस्टम को कंट्रोल कर सकते हैं।हैकर्स कैसे कर सकते हैं नुकसान?हैकर्स खतरनाक कोड रन करके डिवाइस को क्रैश कर सकते हैं। यह खामियां 131.0.6778.139 और 131.0.6778.108 से पहले रिलीज किए गए Windows, macOS, और Linux वर्जन वाले क्रोम ब्राउज़र्स को प्रभावित कर रही हैं। CERT-In ने इन वर्जनों को तुरंत अपडेट करने की सलाह दी है।क्या है खतरा?गूगल क्रोम में पाई गई खामियों में शामिल हैं:ब्राउज़र के V8 इंजन में "टाइप कन्फ्यूजन।"ट्रांसलेशन फीचर में बग।हैकर्स इन खामियों का फायदा उठाकर हार्मफुल कोड एक्टिव कर सकते हैं, जिससे आपका सिस्टम पूरी तरह क्रैश हो सकता है।किन यूजर्स पर है खतरा?जो भी डेस्कटॉप पर Windows, macOS, या Linux के पुराने वर्जन का उपयोग कर रहे हैं, वे खतरे में हैं। विशेष रूप से 131.0.6778.139 और 131.0.6778.108 वर्जन से पहले के ब्राउज़र वर्जन वाले यूजर्स को तत्काल ब्राउज़र अपडेट करने की आवश्यकता है।खुद को सुरक्षित कैसे रखें?CERT-In ने सभी यूजर्स को सलाह दी है कि वे अपने ब्राउज़र को तुरंत अपडेट करें। गूगल ने इन खामियों को ठीक करने के लिए पैच जारी कर दिए हैं।ब्राउज़र अपडेट करने की प्रक्रिया:गूगल क्रोम ब्राउज़र खोलें।ऊपरी दाएं कोने में मेनू पर क्लिक करें।"हेल्प" सेक्शन में जाएं और "अबाउट Chrome" पर क्लिक करें।ब्राउज़र अपडेट को चेक करेगा। अपडेट पूरा होने के बाद, ब्राउज़र को फिर से लॉन्च करें।