हर जरूरी खबर

For the best experience, open
https://m.uttranews.com
on your mobile browser.
Advertisement
इलाज के लिए मांगता रहा हाथ जोड़कर जिंदगी की भीख   लेकिन नहीं पसीजा डॉक्टरों का दिल  हो गई मौत  वीडियो वायरल देखें

इलाज के लिए मांगता रहा हाथ जोड़कर जिंदगी की भीख , लेकिन नहीं पसीजा डॉक्टरों का दिल, हो गई मौत, वीडियो वायरल देखें

04:50 PM Nov 26, 2024 IST | editor1
Advertisement

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भावुक कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है। आरोप है कि यहां के केजीएमयू अस्पताल में मरीज डॉक्टरों से इलाज की गुहार लगाता रहा।

Advertisement
Advertisement

लेकिन किसी का दिल न पसीजा आखिर में उस शख्स की मौत हो गई। जिससे नाराज परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा।

Advertisement

Advertisement

आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज को वेंटिलेटर नहीं दिया जिससे उसकी मौत हो गई। वहीं केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि हार्ट फेल होने के बाद मरीज को लाया गया था। उसको वेंटिलेटर की जरुरत थी पर खाली न होने से रेफर कर दिया गया। इस दौरान मरीज की मौत हो गई।

Advertisement

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुबग्गा छंदोईया निवासी सैफ के मुताबिक पिता अबरार अहमद का 2018 से ही इलाज चल रहा था। रविवार रात लगभग साढ़े बारह बजे उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ। वह खुद ही मोटरसाइकिल से छोटे भाई को लेकर हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग पहुंचे। वहां सीने में तेज दर्द को कम करने के लिए डॉ नीरज कुमार के कहने पर तीन से चार इंजेक्शन लगाए गए। आरोप है कि इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद ही उनकी नाक और मुंह से खून निकलने लगा।

इसके बाद खुद ही पिता ने डॉक्टर से हाथ जोड़कर अपनी जान बचाने की गुहार लगाई,लेकिन डॉक्टरों को उनपर तरस नहीं आया। वहां मौजूद परिजनों ने भी डॉक्टरों से इलाज की गुहार लगाई। डॉक्टरों से गुहार लगाने वाला वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।बेटे सैफ का आरोप है कि डॉक्टरों ने कह दिया यह अधिक शोर कर रहे हैं, इनके मरीज को नही देखा जाएगा। उनकी सांसे थम गई, डॉक्टरों ने उन्हें देखा और बताया कि मौत हो गई। यहां से लेकर जाओ। सैफ ने बताया कि वजीरगंज थाने में डॉक्टर नीरज कुमार के खिलाफ लिखित शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की है।

वहीं केजीएमयू प्रवक्ता डॉ सुधीर सिंह का कहना है कि मरीज को साल 2018 में कोरोनरी आर्टरी डिजीज की पुष्टि थी।इस पर एंजियोप्लास्टी कराई थी। इसके बाद डॉक्टर समय समय पर इलाज के लिए बुलाया, लेकिन ओपीडी में फॉलोअप के लिए नही आए।

तबितय बिगड़ने पर गंभीर अवस्था में इमरजेंसी में लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने फौरन भर्ती करके ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा। जरुरी जांच कराई गई। डॉक्टरों ने जान बचाने के लिए जरुरी दवाएं दी थी। ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। उनकी हालत गंभीर थी। हार्ट फेल था। सांस लेने में तकलीफ थी। डॉक्टरों ने वेटिलेटर की जरुरत बताई। विभाग में आईसीयू वेंटिलेटर सभी बेड फुल थे। इसलिए तुंरत पीजीआई व लोहिया संस्थान ले जाने की सलाह दी गई। केजीएमयू से एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई गई थी,लेकिन मरीज को बचाया नहीं जा सका।

Advertisement
×