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बचपन में खो दिया पिता को, फिर सड़क हादसे में अपना एक पैर गंवाया, नहीं मानी हार, जानिए गोल्ड मेडल जीतने वाले सुमित के संघर्ष की कहानी

02:12 PM Sep 03, 2024 IST | editor1
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भारत के जेवलिन स्टार सुमित अंतिल ने पेरिस में एक बेहतर प्रदर्शन के साथ पैरालंपिक में लगातार दूसरा गोल्ड मेडल जीता है। सुमित ने वादा किया था कि वह गोल्ड जीतकर ही वापस लौटेंगे और उसे पूरा किया।

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टोक्यो के बाद अब पेरिस में भी उन्होंने सोने पर निशाना साधा। अपने 6 थ्रो के दौरान सुमित ने अपना ही पैरालंपिक रिकॉर्ड दो बार तोड़ा। सुमित ने टोक्यो में 68.55 मीटर की दूरी तय कर गोल्ड जीता था और एक नया पैरालंपिक रिकॉर्ड दर्ज किया है।

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सोमवार को इस रिकॉर्ड को सुमित ने पहले ही प्रयास में तोड़ दिया। उन्होंने 69.11 मीटर की दूरी तय की जेवलिन स्टार ने 70.59 मीटर की दूरी तय करके अपना ही रिकॉर्ड एक बार फिर तोड़ा। अंतिल का तीसरा थ्रो 66.66 मीटर था और चौथा थ्रो अमान्य घोषित कर दिया गया था। सुमित ने पांचवें थ्रो में एक और शानदार प्रदर्शन किया जब उन्होंने 69.04 मीटर की दूरी तय की, जिससे लगभग तय हो गया कि वह गोल्ड मेडल के साथ घर लौटेंगे। पैरालंपिक तक पहुंचने की उनकी कहानी काफी संघर्षों से भरी रही है।

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आपको बता दें कि 7 जून 1998 को सुमित का जन्म हुआ। बचपन में ही उन्होंने पिता को खो दिया था। पिता रामकुमार एयरफोर्स में थे। किसी बीमारी के कारण उनकी मौत हो गई। वह अपनी तीन बहनों में वह इकलौते भाई हैं। पिता के निधन के बाद सुमित और उनकी बहनों को मां ने कई तरह के दुखों को देखकर नजरंदाज कर पाला पोसा।

पिता को खोने के बाद सुमित को एक और झटका लगा। जब वह 12वीं में थे तो सड़क दुर्घटना का शिकार हुए थे। सुमित की जान बच गई थी, लेकिन उन्हें अपना पैर गंवाना पड़ा था। वह उस समय कॉमर्स की ट्यूशन से वापस घर लौट रहे थे। उनकी बाइक को ट्रैक्टर-ट्रॉली ने टक्कर मार दी थी।

पिता को खोने और अपने पैर को गंवाने के बावजूद भी सुमित उदास नहीं हुए उन्होंने हार नहीं मानी। इस समय उन्हें अपने दोस्तों और रिश्तेदारों का सहारा मिला। सुमित ने खेल में दिल लगाया और साई सेंटर पहुंच गए। उन्होंने द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच नवल सिंह से जैवलिन थ्रो को सीखा। वह 2018 एशियन चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे थे। वहां पांचवें नंबर पर रहे थे। इसके बाद 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर जीता।फिर 2020 टोक्यो और 2024 पेरिस पैरालंपिक में पहला स्थान हासिल किया।

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