झालावाड़ के विष्णु प्रसाद, जिन्हें 10 दिसंबर को ब्रेन डेड घोषित किया गया था, उनके परिवार ने अंगदान का नेक फैसला लिया। 15 दिसंबर को हेलीकॉप्टर से उनके दिल और फेफड़े जयपुर के एसएमएस अस्पताल पहुँचाए गए, जहाँ एक ज़रूरतमंद मरीज का इंतज़ार था। यह राजस्थान में पहले फेफड़ा प्रत्यारोपण का केस था।ऑपरेशन सफल रहा और डॉक्टरों की टीम ने मरीज पर लगातार निगरानी रखी। लेकिन दुर्भाग्यवश, दो दिन बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी। उसके शरीर ने नए अंगों को स्वीकार नहीं किया और अंततः उसकी मौत हो गई।विष्णु प्रसाद के अंगदान से चार लोगों को जीवनदान मिलने की आशा थी। उनके दिल, एक किडनी और दोनों फेफड़े एसएमएस अस्पताल भेजे गए थे, जबकि दूसरी किडनी और लिवर एम्स जोधपुर भेजे गए। यह पहली बार था बता दें कि पहली बार ऑर्गन्स को एयरलिफ्ट करवाया गया था। इससे कम समय लगा जिससे ऑर्गन्स की गुणवत्ता बनी रही।लेकिन मरीज के शरीर ने इस आर्गन्स को स्वीकार नही किया और उसकी मौत हो गई।