नैनीताल जिले के कैंची धाम तहसील के अंतर्गत पेयजल लाइन का विरोध कर रहे ग्रामीणों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है।मामले की शुरुआतआरोप है कि विगत 26 जुलाई को मल्लाकोट निवासी पुष्कर सिंह पनौरा और कृपाल मेहरा 20-25 ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्राम चौड़ा पेयजल लाइन का विरोध करते हुए उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। उत्तराखंड पेयजल निगम के कर्मचारियों ने आठ ग्रामीणों को नामजद करते हुए 20 से 25 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 115(2), 190, 191(2), 221, 324(3), 324(4), 351(2), 351(3), 352 और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 के तहत भवाली थाने में मामला दर्ज कराया।हाईकोर्ट में याचिकाइस कार्रवाई के खिलाफ पुष्कर पनौरा, कृपाल मेहरा और खष्टी बिष्ट ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की पीठ में हुई। अदालत ने कहा कि ग्रामीण पानी को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, इसलिए फिलहाल याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है। साथ ही, पेयजल निगम को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है।अगली सुनवाईइस मामले में अगली सुनवाई 17 सितम्बर को होगी। अदालत ने संबंधित पक्षों को इस दौरान जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। यह फैसला ग्रामीणों के लिए राहत की खबर है, लेकिन अदालत की अगली सुनवाई में ही यह तय होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।