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भारत में कैसे बनती है डेरी मिल्क चॉकलेट, क्या इसमें बीफ होता है? जानिए इसकी पूरी सच्चाई

04:47 PM Sep 07, 2024 IST | editor1
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भारत में कैडबरी डेयरी मिल्क न सिर्फ एक चॉकलेट है, बल्कि यह भावना, प्यार और रिश्तों का प्रतीक भी बन चुकी है। चाहे किसी को प्रपोज करना हो, रूठे दोस्तों या गर्लफ्रेंड को मनाना हो, या फिर किसी खास मौके को मनाने का तरीका खोजना हो, डेयरी मिल्क एक आदर्श विकल्प माना जाता है।

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लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपकी पसंदीदा चॉकलेट कैसे बनती है? और सबसे अहम सवाल-क्या डेयरी मिल्क वेजिटेरियन है या नॉन-वेजिटेरियन? तो यह आज हम आपके सामने डेयरी मिल्क का वह सच रख रहे हैं, जिससे शायद आप चौक सकतें है।

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हाल ही में सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि डेयरी मिल्क में मीट-प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल होता है। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया कि यह बात अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में बनी चॉकलेट्स के बारे में है अमेरिका और आस्ट्रेलिया की डेयरी मिल्क में गाय अथवा सुअर का मॉस इत्यादि मिलाया जाता है , न कि भारत में मिलने वाली डेयरी मिल्क के बारे में। भारत में बनने वाली डेयरी मिल्क पूरी तरह से वेजिटेरियन है। इसका सबूत है कि चॉकलेट के पैक पर हरा डॉट लगाया जाता है, जो इसके शुद्ध वेजिटेरियन होने का प्रमाण है।

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अब आइए जानते हैं कि यह स्वादिष्ट चॉकलेट आखिर बनती कैसे है। किसी भी चॉकलेट का मुख्य इंग्रीडिएंट होता है कोको बीन्स, जिसे आयरलैंड से मंगवाया जाता है। इन बीन्स को फैक्ट्री में लाने के बाद उनकी सफाई की जाती है और फिर इन्हें प्रोसेस किया जाता है। सफाई के बाद भी कोको बीन्स में कुछ प्राकृतिक इन्फेक्शन रह सकते हैं, जैसे कीड़े-मकोड़े और कॉकरोच के अंश। यह बात भले ही असहज कर सकती है, लेकिन यह प्रोसेस लगभग सभी चॉकलेट्स में होता है।

कैडबरी डेयरी मिल्क बनाने में कोको बीन्स को अच्छे से रोस्ट करके चॉकलेट पाउडर में बदल दिया जाता है। इसके बाद इसमें बटर, शुगर और अन्य फ्लेवर्स मिलाए जाते हैं। फिर इसे दो घंटे तक मिक्सिंग मशीन में घुमाया जाता है, ताकि सारी सामग्री एक साथ मिल सके और चॉकलेट का स्वाद सही बन सके।

कुछ देशों में चॉकलेट को मोल्ड्स में ढालने और उसे सही आकार देने के लिए जिलेटिन का इस्तेमाल किया जाता है। जिलेटिन एक प्रकार का प्रोटीन होता है, जो जानवरों (गाय अथवा सुअर) की हड्डियों और स्किन से बनाया जाता है। लेकिन, भारत में कैडबरी डेयरी मिल्क में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यहां वेज जिलेटिन का इस्तेमाल होता है, जो एक प्लांट-आधारित सामग्री है। इस कारण भारतीय डेयरी मिल्क पूरी तरह से शाकाहारी होती है।

जब सभी सामग्री मिक्स हो जाती है, तो यह मिश्रण चॉकलेट सिरप का रूप लेता है। इस चॉकलेट सिरप को मशीनों में डालकर एक से दो घंटे तक घुमाया जाता है ताकि यह गाढ़ा हो सके। फिर इस चॉकलेट को रोलिंग मशीन पर रखकर बार्स के आकार में ढाला जाता है। इसके बाद इन्हें रेफ्रिजरेशन प्रोसेस के लिए एक दिन तक ठंडे कमरे में रखा जाता है, जहां यह लिक्विड चॉकलेट से सॉलिड फॉर्म में बदल जाती है।

सोशल मीडिया पर कई बार अफवाहें उड़ी हैं कि डेयरी मिल्क में हानिकारक सामग्री का इस्तेमाल होता है, खासकर कीड़े और कॉकरोच के अंश। हालांकि, यह बात सही है कि हर चॉकलेट में प्रोसेस के दौरान कुछ हद तक अशुद्धियों का मिश्रण हो सकता है। लेकिन भारत में कैडबरी डेयरी मिल्क के मामले में इस तरह की बातों का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। कंपनी का दावा है कि भारत में बनने वाली डेयरी मिल्क शुद्ध वेजिटेरियन होती है, और इसमें कोई भी नॉन-वेजिटेरियन इंग्रीडिएंट्स नहीं मिलाए जाते हैं।
भारत में बनने वाली कैडबरी डेयरी मिल्क पूरी तरह से शाकाहारी है, और इसका निर्माण एक जटिल लेकिन सुरक्षित प्रक्रिया के तहत किया जाता है। हालांकि, हर चॉकलेट में कुछ न कुछ अशुद्धियां हो सकती हैं, लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि हर चीज़ पर संदेह किया जाए।

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