जिगर में स्थित थायराइड ग्रंथि से थायरोक्सिन नाम का हार्मोन निकलता है। यह हार्मोन मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने और शरीर में नई कोशिकाएं बनाने मे सहायक होता है।यदि शरीर में इस हार्मोन का उत्पादन ज़रूरत से कम होता है, तो इस स्थिति को हाइपोथायरायडिज़्म कहा जाता है।थायराइड रोग दो प्रकार के होते हैं। पहला, जिसमें हार्मोन का स्राव अधिक होता है, जिसे हाइपरथायरायडिज़्म कहते हैं। दूसरा, जिसमें हार्मोन का स्राव आवश्यकता से कम या अधिक होता है।ज़रूरी नहीं है कि थायराइड बढ़ने पर सभी में एक साथ सभी लक्षण दिखाई दें। किसी में एक या दो लक्षण हो सकते हैं और किसी में एक समय में अधिक लक्षण हो सकते हैं।थायराइड के लक्षण क्या हैं?ज़्यादा गुस्सा आना, बिना कारण चिड़चिड़ापन, नींद आना या अनिद्रा, भ्रम महसूस करना, हाथ कांपनादिल की धड़कन तेज़ होना, ज़्यादा पसीना आना, ज़्यादा भूख लगना, वज़न कम होनाहड्डियां कमज़ोर होना, महिलाओं में पीरियड्स में अनियमितताथायराइड कम होने पर लक्षण क्या होते हैं?ऊर्जा की कमी महसूस करना, नाखून कमज़ोर होनाबहुत ठंड लगना, मानसिक थकान, दिल की धड़कन धीमी होना, कब्ज की समस्या, बहुत अधिक बाल झड़ना, आंखें सूजनायाददाश्त कमज़ोर होना, जोड़ और मांसपेशियों में दर्द, त्वचा बहुत शुष्क हो जानाथायराइड से बचने के लिए आप धनिया के बीज यानी साबुत धनिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे थायरोक्सिन हार्मोन के स्राव को संतुलित किया जा सकता है।चम्मच साबुत धनिया लें, इसे पीसें और 1 गिलास पानी में रातभर भिगोकर रखें।सुबह इसे धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक यह आधा न रह जाए।इसके बाद इसे छानकर पी लें। सिर्फ़ 2 हफ़्तों तक लगातार सेवन करने से आप अपने शरीर में फर्क महसूस करेंगे।