अल्मोड़ा की सांस्कृतिक नगरी में चार दिवसीय कथक नृत्य कार्यशाला शुरू हो गई है। यह कार्यशाला 6 अगस्त से 9 अगस्त तक चलेगा। इस कार्यशाला में वृंदावन से पधारे प्रसिद्ध कथक नर्तक आशीष सिंह (नृत्य मंजरी दास) बच्चों को कथक नृत्य की तालीम दे रहे है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बच्चों को भारतीय शास्त्रीय नृत्य परंपरा से अवगत कराना है।यह कार्यशाला जनौटी काम्पलैक्स में आयोजित की जा रही है।इस मौके पर कथक नर्तक आशीष सिंह ने कहा कि आज के समय में जब बच्चे पाश्चात्य नृत्य की ओर आकर्षित हो रहे हैं, वहीं कथक नृत्य के प्रति भी उनका रुझान बढ़ता जा रहा है। आशीष सिंह का कहना है कि भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए बच्चों के माता-पिता के साथ-साथ सरकार और स्कूलों को भी आगे आना होगा। इससे कथक नृत्य का विकास होगा और कलाकारों को प्रोत्साहन मिलेगा।इस कार्यशाला में बच्चें बड़ी संख्या में भाग ले रहे है। कार्यशाल में नीरज सिंह बिष्ट और हर्ष टम्टा ने आशीष सिंह का माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया। कार्यशाला के दौरान, बच्चों को कथक नृत्य के मूलभूत सिद्धांतों और तकनीकों की जानकारी दी जाएगी, जिससे वे अपनी कला को और निखार सकें।कार्यशाला के समापन पर, बच्चों द्वारा सीखी गई कथक नृत्य की प्रस्तुतियां भी दी जाएंगी, जिससे उन्हें मंच पर प्रदर्शन का अनुभव मिलेगा। आयोजको का दावा है कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों में नृत्य के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ेगी, जिससे भारतीय शास्त्रीय नृत्य परंपरा को भी प्रोत्साहन मिलेगा।