देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रिज कैंडी अस्पताल में निधन हो गया है। रतन टाटा को सदियों तक भारत और दुनिया के लोग याद करेंगे। उनका सादगी भरा अंदाज सभी को बेहद पसंद था। वह बेहतरीन इंसान थे मुंबई में 26/11 को हुए आतंकी हमले में आतंकियों ने मशहूर ताज होटल को भी निशाना बनाया था।उस दिन के वाक्य को बताते हुए टाटा ने इंटरव्यू भी दिया था उन्होंने कहा था कि किसी का कॉल आया था कि होटल में गोलाबारी हो रही है। इसके बाद मैं जानकारी के लिए एक स्टाफ को कॉल किया लेकिन उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया। मैंने अपनी कार निकाली और मैं ताज होटल पहुंच गया लेकिन वॉचमैन ने मुझे रोक दिया क्योंकि वहां गोलाबारी हो रही थी।इस दौरान रतन टाटा ने वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों से कहा कि अगर जरूरत पड़े तो मेरी पूरी प्रॉपर्टी को ही बम से उड़ा दो, मुझे कोई चिंता नहीं लेकिन एक भी आतंकी जिंदा नहीं बचना चाहिए। रतन टाटा ने यह भी कहा कि उस वक्त होटल में 300 गेस्ट भी मौजूद थे रेस्टोरेंट पूरा भरा हुआ था।वहां मौजूद स्टाफ ने सभी को सुरक्षित जगह पहुंचाने की पूरी कोशिश की। उस दौरान कई लोग मारे भी गए थे। इंटरव्यू में बताया कि उन तीन दिनों और तीन रातों के लिए रतन टाटा ताज होटल प्रबंधन के साथ खड़े रहे।रतन टाटा हमेशा ही अपने मैनेजमेंट और सहयोगियों के साथ खड़े रहते थे। वह ताज होटल को लेकर कहते थे कि अपनी भव्यता के बावजूद मजबूत कभी नहीं बन पाता अगर उसके पीछे काम करने वाले लोगों की मेहनत ना होती। वह खुद की जान जोखिम में डालकर और अपनी जान की कीमत पर मौजूद लोगों को बचाने के लिए खड़े रहे।#RatanTata pic.twitter.com/5XKRpnnELM— The Tark (@tark_bharat) October 9, 2024