कुमाऊं विश्वविद्यालय के सिस्टम का भी राम ही मालिक है। यहां बीकाम तृतीय वर्ष की परीक्षा में एक विद्यार्थी को दो खंडों में 12 व 15 अंक प्राप्त हुए थे।उत्तर पुस्तिका जांचने वाले परीक्षक ने 12+15 का कुल योग किया है 17 , है ना अजीब शायद आप भी नहीं रोक पाए होंगे अपनी हंसी। लेकिन यह बिल्कुल सच है। परीक्षक ने योग करते समय 27 के स्थान पर कुल 17 नंबर दे दिए। संबंधित विद्यार्थी की ओर से आरटीआइ में कापी लेने पर लापरवाही का यह मामला सामने आया है। एमबीपीजी कालेज में स्नातक वाणिज्य तृतीय वर्ष के छात्र निखिल सिंह ने बताया कि परिणाम में मार्केटिंग मैनेजमेंट के पेपर में 20 अंक दर्ज किए गए थे।परीक्षा में पेपर अच्छा गया था लेकिन कम अंक मिलने की आशंका पर उसने आरटीआइ से कापी मंगाई। कापी प्राप्त होने पर मुख्य पृष्ठ पर अंकों का योग 17 लिखा गया था। साथ ही शब्दों में भी वहीं दर्ज था। वहीं अंक तालिका में दो खंड़ों में 12 व 15 प्राप्त हुए थे। उत्तर पुस्तिका के अंदर देखा तो वहां भी 27 अंक मिले थे। ऐसे में वह कापी के मुख्य पृष्ठ को देख हैरान रह गए।वहीं कापी के अंदर, मुख्य पृष्ठ और परिणाम में अलग-अलग नंबर दर्ज किए गए हैं। बताया कि सात नंबर कम होने से उसके अंकों का प्रतिशत प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि कुमाऊं विवि में सुधार के लिए प्रत्यावेदन देंगे। मगर इस तरह की लापरवाही छात्रों के भविष्य पर काफी भारी पड़ रही है। इस पर विवि को ध्यान देना चाहिए।