हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के पद्धर क्षेत्र की चौहार घाटी कार हादसे ने तमाम उम्र के लिए लोगों को ऐसे जख्म दिए है कि अब शायद ही वह कभी इस हादसे को भूल पाएंगे।शनिवार रात को हुए इस हादसे के बारे में रविवार सुबह पता चला तो क्षेत्र में कोहराम मच गया। अब सोमवार को सभी पांच युवकों का अंतिम संस्कार किया गया। श्मशानघाट में सबकी चिताएं जलीं। हादसे के बाद से गांव में मातम छा गया है।दरअसल, पांचों युवक गांव की युवती की विदाई में शामिल होने के बाद लौट रहे थे। जिसमें चाचा और भतीजा भी शामिल थे। कार में सवार कर्म चंद, गुलाब सिंह, सागर और गंगाराम और राजेश घर लौट रहे थे। पंचायत लटराण के बजोट गांव, पंचायत तरसवाण के मठीबजगाण के उपगांव लरयाहण और धमचयाण के रहने वाले ये सभी युवक थे। जो कि गांव की ही एक युवती की विदाई में गए थे और उसे ससुराल छोड़कर लौट रहे थे।शनिवार को करीब 11 बजे यह हादसा हुआ। इस दौरान इन युवकों के बारे में किसी को पता नहीं चला। सुबह मौके से एक शख्स गुजरा तो उसने पंचायत प्रधान को मामले की सूचना दी। उसने मौके पर देखा कि कार हादसे का शिकार हुए युवकों के शव इधर उधर, बिखरे थे। ये लोग करीब 10 घंटे तक मौके पर पड़े रहे।धमच्यान के रहने वाले कर्म सिंह (33), सागर (15) , गुलाब सिंह (33) और गंगा राम (27) बजोट गांव और राजेश कुमार (23) मठी बजगाण सभी मेहनत मजूदरी करते थे। ऑल्टो कार को राजेश चला रहा था। वहीं, मृतकों में शामिल सागर दसवीं में पढ़ाता था. धमच्यान पंचायत के पूर्व प्रधान मंगल सिंह और प्रधान कली राम ने बताया कि जिस जगह हादसा हुआ, वहां सड़क पर पैरापिट होते तो शायद जान बच जाती। यहां कई खतरनाक जगह हैं, जहां पैरापिट की जरूरत है। बरधान के प्रधान अनिल और सीता राम ने कहा की इस स्थान के लगभग 200 मीटर में पहले भी 3 घटनाएं हो चुकी हैं और प्रशासन ने इस बारे में कोई सुध नहीं ली है।