उच्च हिमालयी क्षेत्र के दयारा बुग्याल में हर साल बटर फेस्टिवल आयोजित किया जाता है। इस फेस्टिवल में देवभूमि की संस्कृति और विरासत की झलक दिखाई देती है। नैनीताल हाईकोर्ट के दयारा बुग्याल में होने वाले बटर फेस्टिवल में 1500 लोगों को जाने की अनुमति दिए जाने से आयोजन दयारा पर्यटन विकास समिति उत्साहित हैं। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि साल 2018 में हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में 200 से अधिक लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी। छह साल बाद अब समिति की याचिका पर कोर्ट ने 1500 लोगों को जाने की अनुमति दे दी है, जिससे पर्यटकों को आयोजन में शामिल होने का मौका मिलेगा।बता दें कि 2018 में राज्य के बुग्यालों को मानवीय गतिविधियों से बचाने के लिए हाईकोर्ट ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें राज्य सरकार को बुग्यालों में 200 से अधिक लोगों की आवाजाही और वहां रात के समय रुकने पर रोक लगाई गई थी। जिसका असर यहां समुद्रतल से करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल में होने वाले पारंपरिक अंढूड़ी उत्सव (बटर फेस्टिवल) पर भी पड़ा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद बटर फेस्टिवल में सभी लोग शामिल नहीं हो पा रहे थे। इसे लेकर दयारा बुग्याल पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष मनोज राणा ने हाल में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आयोजन में 2500 लोगों को शामिल होने की अनुमति देने की अपील की थी, जिस पर कोर्ट ने 1500 लोगों को शामिल होने की अनुमति दे दी है।कोर्ट के इस फैसले से आयोजन समिति उत्साहित हैसमिति के अध्यक्ष मनोजराणा ने कहा कि समिति पिछले कई वर्षों से पारंपरिक उत्सव को संजोए हुए है। साथ ही इसका देशभर में प्रचार-प्रसार कर रही है । लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के चलते इसमें ज्यादा लोग शामिल नहीं हो पाते थे । छह साल बाद फेस्टिवल में जाने के लिए 1500 लोगों को अनुमति दिए जाने से अब अधिक लोगों को फेस्टिवल में शामिल होने का मौका मिल पाएगा। बताया कि इस बार 15-16 अगस्त को बटर फेस्टिवल मनाया जाएगा, जिसमें स्थानीय लोग गायकों के साथ लोकनृत्य होगा।बता दें कि उत्तराखंड के दयारा बुग्याल में 16 अगस्त को दूध-मक्खन की होली खेली जाएगी।