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केदारनाथ यात्रा में फंसे 6980 से ज्यादा यात्रियों को निकाला सुरक्षित  1500 से ज्यादा लोग अब फंसे  हवाई पैदल मार्ग से रेस्क्यू जारी

केदारनाथ यात्रा में फंसे 6980 से ज्यादा यात्रियों को निकाला सुरक्षित, 1500 से ज्यादा लोग अब फंसे, हवाई पैदल मार्ग से रेस्क्यू जारी

11:28 AM Aug 03, 2024 IST | उत्तरा न्यूज टीम
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उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही का मंजर है। यहां वायुसेना के चिनूक और एमआई17 हेलिकॉप्टरों को भी उतार दिया गया है। केदारनाथ के रास्ते में फंसे 6,980 से अधिक तीर्थयात्रियों को अब तक रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाल दिया है, जबकि अभी 1,500 से ज्यादा श्रद्धालु और स्थानीय लोग रास्ते में ही फंसे हुए हैं।

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जिसमें से 150 लोगों से उनके परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से तीन जिलों में आई तबाही में मरने वालों की संख्या 8 हो गई है और 45 लोग अभी भी लापता है, जिनकी तलाशी की जा रही है।

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सोनप्रयाग की पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि अतिवृष्टि से अभी तक एक यात्री की मौत होने की सूचना है। 150 से ज्यादा लोगों के परिजनों ने पुलिस को बताया कि उनका अपने लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। यह सभी केदारनाथ यात्रा पर आए थे। इन लोगों में कई स्थानीय भी हैं। एसपी का कहना है कि क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं होने से भी लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। इससे पहले, राज्य के आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया था कि केदारनाथ में अभी 1,000 लोग फंसे हैं, लेकिन वह पूरी तरह से सुरक्षित हैं। वहां आपदा जैसी कोई स्थिति नहीं है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात की उन्होंने आपदा के बाद चल रहे राहत और बचाव कार्यों की जानकारी ली। साथ ही हालात से निपटने में हर संभव मदद का भरोसा दिया। सीएम धामी ने बताया कि उनके आग्रह पर वायुसेना के चिनूक और एमआई 17 हेलिकॉप्टर भी बचाव अभियान में जुट गए हैं।

वायुसेना के हेलिकॉप्टर के साथ ही पैदल मार्ग से भी तेजी से बचाव कार्य चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को 599 लोगों को हवाई मार्ग से और 2,380 को पैदल मार्ग से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

केदारनाथ पैदल मार्ग और अन्य यात्रा पड़ावों पर फंसे यात्रियों के लिए जिला प्रशासन की ओर से भोजन की व्यवस्था की जा रही है।

हिमाचल में मृतक संख्या 8 हुई, 45 अब भी लापता
अधिकारियों ने बताया कि तीन और शवों की बरामदगी के साथ, कुल्लू, मंडी पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल के निरमंड, सैंज और मलाणा क्षेत्रों में अचानक आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। 45 लोग अभी लापता हैं जिनकी तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने शिमला और कुल्ली जिले की सीमा पर स्थित समेज जाकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि लापता लोगों में 17-18 महिलाएं और 8-9 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने पीड़ितों के लिए 50 हजार रुपये की तत्काल राहत और अगले तीन महीने तक 5,000 रुपये प्रति माह किराया देने की भी घोषणा की। इसके अलावा, गैस, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।

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