मध्य प्रदेश के रीवा से सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों का गजब कारनामा सामने आया है। यहां पर डॉक्टरों की लापरवाही से एक प्रेग्नेंट महिला और उसके पेट में पल रहे बच्चे की जान पर बन आई। डॉक्टरों ने दो साल पहले महिला की पहली डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों ने सर्जिकल सुई पेट में ही छोड़ दी थी।जब महिला दूसरी बार प्रेग्नेंट हुई तो उस सुई से पेट में पल रहा बच्चा घायल होता रहा। जिसके चलते महिला को इस कारण पेट में तेज होने लगा। आनन-फानन में सर्जरी की गई तो डॉक्टरों का कारनामा सामने आया।।पेट से सुई मिली।इस घटना के बाद से अब अस्पताल प्रशासन सवालों के घेरे में हैं। मामला शहर के संजय गांधी अस्पताल का है।जहां पर संजय गांधी अस्पताल में डिलीवरी के लिए महिला आई थी। यह उसकी दूसरी डिलीवरी थी। परिवार का आरोप है कि पहली डिलीवरी करवाने वाले डॉक्टरों ने टांका लगाने वाली पिन महिला के पेट में भी छोड़ दी थी। जिसके चलते महिला की दूसरी डिलीवरी के दौरान पेट में पल रहा बच्चा सुई से घायल हो गया।सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि पेट में पिन होने की जानकारी करीब 2 साल बाद तब हुई जब महिला की दूसरी डिलीवरी हुई।परिवार का आरोप है कि डिलीवरी के दौरान नवजात बच्चा इसी पिन से घायल हो गया। उसके पूरे शरीर में पिन से चोट पहुंची है। इसके चलते डाक्टरों ने उसे वेंटिलेटर पर रखा है।