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उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग की पहली ड्रिफ्ट टनल के आरपार, अब आसानी कर सकेंगे आवाजाही

12:39 PM Sep 05, 2024 IST | editor1
उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग की पहली ड्रिफ्ट टनल के आरपार  अब आसानी कर सकेंगे आवाजाही
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उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में आए मलबे को हटाने के लिए बनाई जा रही ड्रिफ्ट टनल आरपार हो गई है। इस खुशी में निर्माण कंपनी के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मनाई। मलबे को हटाए जाने के लिए यहां तीन ड्रिफ्ट टनल का निर्माण प्रस्तावित है। इसमें से एक बुधवार को आरपार हो गई है। इसके बाद अब बिना किसी बाधा के श्रमिक और इंजीनियर सिलक्यारा छोर से भी सुरंग के अंदर प्रवेश कर सकेंगे।

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गौरतलब है कि बीते वर्ष 12 नवंबर को चारधाम सड़क परियोजना में निर्माणाधीन साढ़े चार किमी लंबी सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग में भारी भूस्खलन हो गया था। जिससे सिलक्यारा सुरंग के अंदर काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे और सुरंग बंद हो गई थी जिसके चलते सभी अंदर ही फंस गए थे। हादसे के बाद 17 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद अंदर फंसे श्रमिकों को ऑगर मशीन से डाले गए 800 एमएम के पाइपों से बाहर निकाला गया था। लेकिन मलबा नहीं हटाया जा सका था।

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वही इसी साल 23 जनवरी को केंद्र सरकार के केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल को निर्माण शुरू करने की अनुमति दी। जिसके बाद यहां मलबा हटाने के लिए पहले डी-वॉटरिंग की गई। फिर विशेषज्ञों की निगरानी में मलबा हटाने के लिए तीन ड्रिफ्ट टनल का निर्माण प्रस्तावित किया गया। इसके लिए मलबे को शॉट क्रिट की मदद से ठोस में बदलने के बाद मलबे के दोनों कोनों में एक मीटर चौड़ी ड्रिफ्ट टनल बनाई जा रही थी।

बुधवार को इनमें से एक टनल के आरपार होने पर निर्माण कंपनी के इंजीनियर व कर्मचारी खुशी से झूम उठे। जिस पर उन्होंने मिठाई बांटकर यह खुशी मनाई। अब सिलक्यारा छोर से सुरंग में आवाजाही में बाधा बने मलबे के दूसरी ओर आसानी से आवाजाही की जा सकेगी। इनमें से दूसरी की खुदाई 17 से 18 मीटर तक हो चुकी है।

एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलको ने बताया कि एक ड्रिफ्ट टनल आरपार हो गई है। इससे अब सुरंग में आवाजाही में आसानी होगी। हालांकि अभी पूरी सुरंग को ब्रेक-थ्रू कराने का प्रयास तो बड़कोट छोर से ही किया जा रहा है।सिलक्यारा छोर से ज्यादा बड़ी मशीनों के जाने लायक जगह नहीं बन पाई है।

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