उत्तराखंड में सड़कों पर वाहनों की स्पीड लिमिट अब फिर से तय की जाएगी। सड़क यातायात शिक्षा संस्थान फरीदाबाद के विशेषज्ञ ने स्पीड लिमिट तय करने के तरीके बताएं हैं। इसके लिए सोमवार को सहस्त्र धारा रोड स्थित परिवहन भवन में परिवहन पुलिस और पीडब्ल्यूडी के अफसर की कार्यशाला होगी।बताया जा रहा है कि हर साल उत्तराखंड में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं और बड़ी संख्या में लोग अपनी जान भी गंवा रहे हैं और इन हादसो के पीछे की बड़ी वजह ओवर स्पीड मानी जा रही है। सरकार बढ़ाते हुए हादसों को लेकर काफी चिंतित भी है।कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन विभाग को सड़कों पर स्पीड लिमिट दोबारा तय करने के निर्देश दिए थे, जिस पर अब अफसर ने काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए 5 अगस्त को परिवहन विभाग परिवहन भवन में एक कार्यशाला आयोजित कर रहा है।आरटीओ-एआरटीओ समेत पुलिस और पीडब्ल्यूडी के अफसरों को स्पीड लिमिट तय करने के तरीके बताएंगे। आरटीओ (प्रवर्तन) शैलेश तिवारी ने बताया कि मुख्यालय में होने वाली इस कार्यशाला को लेकर आमंत्रण मिला है। इस दौरान स्पीड लिमिट को लेकर मंथन किया जाएगा।अफसर का कहना है कि उत्तराखंड में 70% से भी ज्यादा सड़क हादसों की वजह ओवर स्पीड है। राज्य भर में कई सड़क पर वाहनों के अधिकतम गति सीमा तय कर दी गई है। इसके बावजूद चालक तेज गति से वाहन चलाते हैं।उत्तराखंड में पिछले साल एक जनवरी से 30 जून तक 833 सड़क हादसे हुए थे। इस साल इसी अवधि में 863 सड़क हादसे हुए। यानी 3.60 प्रतिशत का इजाफा हुआ। हालांकि, मृतक और घायलों की संख्या में मामूली कमी आई। पिछले साल इस अवधि में 526 लोगों की मौत हुई थी, इस बार 523 लोगों की मौत हुई।