भारत में पेट्रोल डीजल की कीमतें रोजाना तय की जाती है और यह कीमत इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत और एक्सचेंज रेट के हिसाब से ही तय किए जाते हैं। इसे डायमंड फुल प्रोसेसिंग कहा जाता है। यह सिस्टम जून, 2017 में शुरू किया गया था। इससे पहले पेट्रोल-डीजल के रेट में बदलाव का ऐलान होता था।रेट का घटना और बढ़ना पेट्रोल पंप पर दिखाई देता है। अब सरकार इस सिस्टम को बदलने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत 3 महीने में पेट्रोल और डीजल की कीमतों की फिर से समीक्षा की जाएगी और इसमें डेढ़ रुपए तक की कटौती भी की जा सकती है।क्रूड ऑयल की कीमतों में पिछले कुछ महीनो में जबरदस्त कमी आई है इसका फायदा सभी उपभोक्ताओं को मिला है। इसमें केंद्रीय उत्पाद शुल्क या राज्य वैट में कटौती को नए नियमों से अलग रखा जाएगा। इसका मतलब है कि कंपनियों को अपने मुनाफे का 10 फीसदी कस्टमर्स को देना होगा।बताया जा रहा है कि अगर कीमतों की फिर से समीक्षा होती है तो इसमें कोई बदलाव नहीं आएगा और स्थिरता बनी रहेगी फिलहाल कंपनियों को पेट्रोल पर ₹15 प्रति लीटर और डीजल पर ₹12 प्रति लीटर का शुद्ध लाभ हो रहा है। अगर इसका 10% उपभोक्ताओं को दिया जाता है तो पेट्रोल की कीमत करीब 1.5 रुपये और डीजल में 1.20 रुपये की कमी आसानी से हो सकती है।क्रूड ऑयल की कीमतों में लगभग 19 फीसदी की कमी आ चुकी है। मगर, उपभोक्ताओं को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाया है। दरअसल, एक रुपये प्रति बैरल की कमी होने पर सरकार को सालाना लगभग 13 हजार करोड़ रुपये की बचत होती है।