20 अगस्त को मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर पायलट बाबा का देहांत हो गया है और 21 अगस्त को पार्थिव शरीर को हरिद्वार के पायलट बाबा के आश्रम में लाया गया। यहां पर अखाड़े के सभी पदाधिकारियों द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी तथा आज 22 अगस्त को बाबाजी के हज़ारों अनुयायियों और संतों ने पायलट बाबा को उनके ही आश्रम में भू समाधि दी गई।जानकारी के मुताबिक बाबाजी कई दिनों से गुर्दा की बीमारी से गुजर रहे थे और उनका अपोलो अस्पताल से भी उपचार हुआ लेकिन कुछ दिनों पहले ही उन्हें मुंबई के कोकिला बेन उपचार के लिए लाए थे जहा उनका उपचार के दोरान ही देहांत हो गया थाइसके बाद अब सवाल उठाए जा रहे है कि पायलट बाबा की संपति जिम्मेदारी किसको दी जाय।