लक्ष्य सेन की हार के बाद प्रकाश पादुकोण का फूटा गुस्सा, मेडल मैच हारने के बाद बोले - खिलाड़ियों को अपने खेल की जिम्मेदारी स्वयं लेनी होगी
भारत के युवा बैडमिंटन स्टार लक्ष्य सेन पेरिस ओलंपिक-2024 में सॉल्वर को ब्रॉन्ज मेडल मैच हार गए। मलेशिया की जी जिया ली ने उन्हें कड़े मुकाबले में हरा दिया।लक्ष्य की इस बार के बाद टीम इंडिया के कोच और महान बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को अब अपने खेल की जिम्मेदारी लेनी होगी क्योंकि उन्हें सरकार, फेडरेशंस द्वारा हर तरह का सपोर्ट दिया जा रहा है।
लक्ष्य को सेमीफाइनल मैच में ली ने 13-21, 21-16, 21-11 से मात दी। लक्ष्य अगर इस मैच में जीत जाते तो ब्रॉन्ज मेडल जीत जाते और भारत के लिए ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले पुरुष खिलाड़ी बन जाते। लक्ष्य के अलावा इस बार पीवी सिंधू से भी मेडल की आस थी,लेकिन वह भी क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गई थीं।प्रकाश पादुकोण ने लक्ष्य सेन के मैच के बाद कहा है कि सरकार और संघ हर तरह से सपोर्ट कर रहे हैं लेकिन अब समय आ गया है कि खिलाड़ियों को अपने खेल की खुद ही जिम्मेदारी लें। उन्होंने कहा, "हमारे कई खिलाड़ी हैं जो काफी करीब आकर मेडल से चूक गए और चौथे स्थान पर रहे। हम आगे बढ़ रहे हैं लेकिन उस गति से नहीं जिस गति से हमें बढ़ना चाहिए। मुझे लगता है कि अब बहुत हो गया है और खिलाड़ियों को खुद जिम्मेदारी लेनी होगी। इस ओलंपिक में और पिछले ओलंपिक में आप संघों, सरकारों को अच्छे या बुरे प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार नहीं ठहरा नहीं सकते।
वह जो सकते थे वो उन्होंने किया। आखिर में खिलाड़ियों को ही जाकर प्रदर्शन करना है।"उन्होंने कहा, "खिलाड़ी ओलंपिक में उन खिलाड़ियों से हार रहे हैं जिन्हें वो पहले किसी और टूर्नामेंट में हरा चुके हैं। खिलाड़ियों को भी अपने अंदर झांक कर देखना चाहिए। खिलाड़ियों के पास काफी स्टाफ है, मुझे नहीं लगता कि अमेरिका, चीन जैसे देशों के अलावा किसी और देश के खिलाड़ियों के पास इतना कुछ होगा।"प्रकाश पादुकोण ने आगे कहा कि वह और विमल कुमार लक्ष्य सेन के हारने से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैं और विमल, लक्ष्य सेन के चौथे स्थान पर आने से खुश नहीं हैं, क्योंकि वह निश्चित तौर पर मेडल जीत सकते थे। कई लोग कहेंगे, एक्सेलसेन कह सकते हैं कि वह अगले सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं, लेकिन ये काफी नहीं है। अगर वह जोनाथन क्रिस्टी से हार जाते तो बात अलग थी लेकिन वह यहां तक पहुंचे, उनके पास मौका था, उनके पास बढ़त थी। वह युवा हैं लेकिन उन्हें एहसास होना चाहिए।