BSNL में छंटनी की तैयारी: 19,000 कर्मचारियों की जॉब पर खतरा
भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने अपने कर्मचारियों के लिए दूसरी बार स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) लाने का निर्णय लिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार यह VRS 19,000 कर्मचारियों को प्रभावित करेगी। BSNL ने इस कदम को उठाने का फैसला वित्तीय स्थिति को बेहतर करने और ऑपरेशन कॉस्ट घटाने के उद्देश्य से किया है।
क्या है VRS का उद्देश्य?
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (Voluntary Retirement Scheme) का मुख्य उद्देश्य संगठन के खर्च को कम करना और इसे मुनाफे में लाना है। BSNL ने 2019 में पहली VRS योजना लागू की थी, जिससे करीब 79,000 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक रूप से रिटायरमेंट लिया था। अब, दूसरी VRS योजना लागू होने के बाद 19,000 और कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है।
क्यों हो रही है BSNL में छंटनी?
BSNL लंबे समय से वित्तीय समस्याओं से जूझ रहा है। सरकार से मिलने वाले पैकेज के बावजूद कंपनी घाटे में चल रही है। BSNL को 4G सेवाएं शुरू करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। दूसरी VRS योजना के जरिए BSNL अपने कर्मचारियों की संख्या को कम कर, ऑपरेशन लागत को नियंत्रित करना चाहती है।
दूसरी VRS योजना से जुड़े मुख्य तथ्य
- कितने कर्मचारियों पर असर: रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस योजना के तहत लगभग 19,000 कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं।
- पहली VRS योजना: 2019 में पहली VRS योजना के जरिए 79,000 कर्मचारियों ने रिटायरमेंट लिया था।
- वित्तीय स्थिति को सुधारने का लक्ष्य: BSNL का उद्देश्य कंपनी की आय बढ़ाना और घाटे को कम करना है।
- सरकार की भूमिका: केंद्र सरकार ने BSNL के लिए कई राहत पैकेज दिए हैं, लेकिन उनकी प्रभावशीलता सीमित रही है।
BSNL की मौजूदा स्थिति
BSNL, जो कभी भारत में दूरसंचार सेवाओं का नेतृत्व करती थी, आज निजी कंपनियों जैसे जियो और एयरटेल से प्रतिस्पर्धा में पीछे रह गई है। 5G और 4G सेवाओं के मामले में पिछड़ने के कारण कंपनी को बड़े पैमाने पर नुकसान का सामना करना पड़ा है।