देहरादून ओएनजीसी चौक पर बीती 11- 12 नवंबर की देर रात हुए इनोवा कर हादसे को लेकर लगभग सभी जांच एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें सबका आंकलन एक जैसा ही लगभग पाया गया है। शुरुआत में पुलिस ने इस बारे में भी बताया कि हादसे के समय कार की स्पीड कम से कम डेढ़ सौ किलोमीटर प्रति घंटा रही होगी।परिवहन विभाग की टीम और जेपीआरआई की टीम ने हादसे के बाद घटनास्थल के साथ ही रूट का भी निरीक्षण किया था। इसके बाद रिपोर्ट में सामने आया था कि इनोवा कर की स्पीड 150 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से थी जबकि कंटेनर की स्पीड 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा ही थी।अब तक जो जांच में पाया गया है उससे यह सामने आया है कि घटनास्थल पर कर कंटेनर के पिछले हिस्से में जा टकराई थी। कार चालक को आखिरी मौके पर लग रहा था कि उसकी कार क्रॉस हो जाएगी लेकिन कंटेनर के आखिरी हिस्से से वह टकरा गई।स्मार्ट सिटी की टीम ने जब सीसीटीवी कैमरा से आंकलन किया तो बताया कि 600 मीटर के बीच कर की रफ्तार 154 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई थी। इनोवा कार की छत का हिस्सा कंटेनर में चिपक गया था।कार कंटेनर में घुसने के बाद नीचे से निकलकर करीब 80 मीटर आगे पेड़ में जा टकराई थी। इस दौरान पेड़ का तना कार के अंदर 30 सेंटीमीटर तक घुस गया था। इससे माना जा रहा है कि उस दौरान भी कार की स्पीड करीब 70-80 किमी प्रतिघंटा रही होगी।बता दें कि बीती 11 नवंबर की देर रात और 12 नवंबर की सुबह करीब 1.30 बजे देहरादून के ओएनजीसी चौक पर इनोवा कार का भीषण हादसा हो गया था। हादसे में तेज रफ्तार कार कंटेनर की पीछे टकरा गई थी, जिसकी वजह से कार सवार 6 युवक व युवतियों की दर्दनाक मौत हो गई थी।हादसे में गुनीत (उम्र 19 वर्ष), कुणाल कुकरेजा (उम्र 23 वर्ष), ऋषभ जैन (24 वर्ष), नव्या गोयल (उम्र 23 वर्ष), अतुल अग्रवाल (उम्र 24 वर्ष) और कामाक्षी (उम्र 20 वर्ष) की दर्दनाक मौत हो गई थी जबकि, उनका एक साथी सिद्धेश अग्रवाल गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसका अभी भी एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।बताया जा रहा है कि सिद्धेश की हालात में अब काफी सुधार है, वह जल्द ही अस्पताल से बाहर आ सकता है। हालांकि अभी डॉक्टर्स ने उसे आराम की सलाह दी है।