देहरादून: थाना रायपुर क्षेत्र के अंतर्गत नशीला पदार्थ पिलाकर विशेष समुदाय की युवती से गैंगरेप का मामला सामने आया है। इस मामले में दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है,वही तीसरे नाबालिग आरोपी को पुलिस संरक्षण में रखा गया है। इस मामले में मुकदमा दर्ज करने में देरी होने पर पीड़ित पक्ष के साथ पहुंची भीड़ ने रायपुर थाने का घेराव किया।आरोप है कि पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज नहीं किया। जब काफी हंगामा हुआ उसके बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। युवती के परिजनों की तरफ से दी गई तहरीर में कहा गया कि युवती को नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश किया गया। इसके बाद आरोपी अपने साथ लेकर गए और सामूहिक दुष्कर्म किया। मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि तीसरे नाबालिग आरोपी को पुलिस संरक्षण में रखा गया है। पुलिस के अनुसार 19 वर्षीय विशेष समुदाय की युवती और आरोपी आपस में परिचित थे। आरोपी देहरादून के रायपुर क्षेत्र में मैजिक चलाता है।बीते दिन युवती और आरोपी 4 नंबर चक्की पर आए आरोपी युवती को अपने मैजिक वाहन से किद्दुवाला क्षेत्र में लेकर गया। आरोप है कि यहां आरोपी और उसके दोस्तों ने जंगल में पीड़िता के साथ गैंगरेप किया। परिजन जब युवती की तलाश कर रहे थे तब उनको आरोपी, उसके साथी और युवती मैजिक वाहन से आते दिखाई दिए। परिजनों ने उनको मौके पर पकड़ लिया और इसकी सूचना पुलिस को दी। तबीयत बिगड़ने पर युवती को अस्पताल भेजा गया। युवती के परिजनों ने थाने में आरोपी युवक व उनके दो साथियों के खिलाफ तहरीर दी है। जिस पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है।पुलिस द्वारा अभियुक्तों की सीसीटीवी फुटेज व मोबाइल लोकेशन निकाली गई। सीसीटीवी फुटेज व मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने पर पुलिस को आरोपी युवती को वाहन से अकेले ले जाता हुआ दिखाई दिया। घटना के समय पुलिस को आरोपी के दोनों साथियों की लोकेशन किसी अन्य स्थान पर होने के प्राथमिक साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जिसकी पुलिस पड़ताल कर रही है। युवती के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने तीनों आरोपियों पर सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया है। थाना रायपुर पुलिस ने आरोपियों पर 373/23, धारा- 70 (1) BNS पंजीकृत किया गया. पुलिस का कहना है कि जांच किए जाने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।मामले में अजय सिंह, एसएसपी देहरादून ने कहा कि घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी साक्ष्य का परीक्षण किया जा रहा है और पूछताछ की जा रही है। कुछ व्यक्तियों द्वारा घटना को सोशल मीडिया के माध्यम गलत तथ्यों के आधार पर प्रसारित करते हुए सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि पुलिस घटना की संवेदनशीलता के मद्देनजर कार्रवाई करते हुए साक्ष्य को जुटाने की कार्रवाई कर रही है।