अभी अभी
उत्तराखंड | नैनीतालहरिद्धारसोमेश्वररूद्रप्रयागरामनगरभतरोजखानबेरीनागबेतालघाटबागेश्वरपौड़ी गढ़वालपिथौरागढ़हरिद्वारहल्द्धानीदेहरादूनअल्मोड़ाताड़ीखेतचम्पावतऊधम सिंह नगरउत्तरकाशी
जॉब अलर्ट
देश | हिमांचल प्रदेश
दुनिया
Advertisement

वनाग्नि प्रबंधन के लिए स्याही देवी मॉडल नाम सर्वथा उचित, वही रखा जाय, स्थानीय लोगों की मांग

09:52 AM Dec 26, 2024 IST | editor1
Advertisement

अल्मोड़ा: वनाग्नि बुझाने और जंगलों को संरक्षित रखने के लिए प्रसिद्ध "शीतलाखेत मॉडल" का नाम बदलकर "स्याही देवी मॉडल" करने की मांग को लेकर स्याही देवी क्षेत्र के स्थानीय संगठनों और ग्रामीणों ने एक बैठक आयोजित की। बैठक में शीतलाखेत मॉडल की जगह स्याही देवी मॉडल को मान्यता देने की अपील की गई।
बैठक में उपस्थित लोगों ने बताया कि साल 2003 में मां स्याही देवी को साक्षी मानते हुए जंगल बचाने और चौड़ी पत्ती के पेड़ लगाने का संकल्प लिया गया था। तब से स्याही देवी क्षेत्र के 55 गांवों के लोग प्रशासन और वन विभाग के साथ मिलकर जंगलों की आग बुझाने और वनों को हरा-भरा रखने का काम कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि सरकार द्वारा पहले इसे "स्याही देवी मॉडल" के रूप में मान्यता दी गई थी, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर "शीतलाखेत मॉडल" कर दिया गया। उन्होंने यह मांग की कि मॉडल का नाम बदलकर पुनः "स्याही देवी मॉडल" किया जाए ताकि इसका श्रेय स्थानीय ग्रामीणों और संगठनों को मिल सके।

Advertisement

बैठक में उपस्थित लोगों ने डीएम अल्मोड़ा को पत्र लिखकर इस संबंध में कार्रवाई करने और स्थानीय प्रयासों को उचित मान्यता देने की मांग की।
बैठक में हरीश बिष्ट, दिग्विजय सिंह, गोपाल गुरुरानी, ललित बिष्ट, हरीश रौतेला, विपिन चंद पाठक, नारायण सिंह, भगवान सिंह बिष्ट, नंदन सिंह, हिमांशु सिंह, राजेंद्र सिंह, नवीन, महेश चंद्र सहित कई अन्य लोग मौजूद रहे।

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Tags :
Jangal ke dostThe name Syahi Devi model is absolutely appropriate for forest fire managementजंगल के दोस्त
Advertisement
Next Article