महिला जब गर्भवती होती है तो उसके गर्भ में लड़का है या लड़की यह उसके माता-पिता के क्रोमोसोम यानी गुणसूत्र पर निर्भर करता है। महिलाओं में दो एक्स क्रोमोसोम होते हैं जबकि पुरुषों में एक Y और दूसरा X क्रोमोसोम होता है।महिला और पुरुष के जब XX क्रोमोसोम मिलते हैं तो लड़की का जन्म होता है। वहीं XY गुणसूत्र मिलने पर लड़कों का जन्म होता है। देखा जाए तो लड़का पैदा होने के लिए Y क्रोमोसोम का होना बेहद जरूरी है यदि पुरुषों में वाई क्रोमोसोम ना हो तो लड़कों का जन्म नहीं होगा सिर्फ लड़कियां ही पैदा होगी।एक रिपोर्ट में इसी तरह के कुछ खतरे के बारे में बताया जा रहा है, जहां पुरुषों के अंदर Y क्रोमोजोम धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। इस तरह से इंसानों का पूरा भविष्य खतरे में है हालांकि वाय गुणसूत्र के खत्म होने में लाखों साल अभी लगेंगे। यदि इंसानों में वाई क्रोमोसोम विकल्प के तौर पर एक नई जीन को विकसित नहीं किया तो वाई क्रोमोसोम खत्म हो जाएगा और धरती पर इंसानों का जीवन भी खत्म हो जाएगा।Y क्रोमोसोम तय करता पुरष का जन्मपुरुषों के गुणसूत्र में करीब 900 एक्स जीन होते हैं जबकि वायर में करीब 55 जीन होते हैं और इसमें कई सारे कोडिंग डीएनए भी होते हैं।Y क्रोमोजोम में एक महत्वपूर्ण जीन पाया जाता है जो पुरुष के विकास को निर्धारित करता है। गर्भधारण के करीब 12 सप्ताह के बाद यह जीव अन्य जीन पर जाता है और पुरुष के हारमोंस को बनाता है और यही सुनिश्चित करता है कि भ्रूण का विकास एक लड़के के रूप में होगा।कम हो रहे Y क्रोमोसोमएक नई रिसर्च में बताया जा रहा है कि दोनों क्रोमोसोम में अब असमानता देखी जा रही है। बीते 166 मिलियन वर्षों में वाई क्रोमोसोम ने 900-55 सक्रिय जीन खो दिए। इस तरह से प्रति 10 लाख साल में 5 जीन कम हो रहे हैं। वही क्रोमोसोम तेजी से कम हो रहा है और आने वाले 11 मिलियन वर्षों में यह पूरी तरह समाप्त हो जाएगा जिसकी वजह से अब वैज्ञानिक टेंशन में आ गए हैं।Y क्रोमोसोम के बगैर पुरुष का हो सकता है जन्म?Y क्रोमोसोम घटने के बीच वैज्ञानिकों को चूहे की दो प्रजातियों से राहत मिली है, जो Y क्रोमोसोम खत्म होने के बाद भी जीवित हैं। पूर्वी यूरोप और जापान में ऐसे ही चूहे पाए गए हैं जिनकी नसों में एक्स गुणसूत्र ही काम करते हैं हालांकि अभी यह नहीं पता चला है कि Y जीन के बिना कैसे लिंग निर्धारण होता है। रिसर्च टीम का कहना है की प्रजनन के लिए शुक्राणु की जरूरत होती है। इसके लिए पुरुषों का होना जरूरी है। इससे साफ हो जाता है कि वाय गुणसूत्र का खत्म होना इंसानों के खत्म होने जैसा है।