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मध्य प्रदेश के इस गांव में है अनोखी प्रथा  किराए पर मिलती है बीवियां  दूर दूर से आते हैं लोग  बनता है पक्का एग्रीमेंट भी

मध्य प्रदेश के इस गांव में है अनोखी प्रथा, किराए पर मिलती है बीवियां, दूर-दूर से आते हैं लोग, बनता है पक्का एग्रीमेंट भी

11:02 AM Sep 13, 2024 IST | editor1
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भारतीय संस्कृति पूरी दुनिया में मशहूर है और इससे विदेशी भी काफी प्रभावित होते हैं। आज विदेशी भी हिंदू रीति रिवाज करना पसंद करते हैं। दुनिया भर में भारत के परंपरा बिल्कुल अलग है और यहां विविधता में एकता है।

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इसी बीच भारत की धड़कन कहे जाने वाले मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक अनोखी प्रथा का प्रचलन बताया जा रहा है जिसे सुनकर हर कोई हैरान भी है। यह एक अनोखी मंडी सजाती है और बहू बेटियों को किराए पर खरीदा जाता है और उन्हें बेचा जाता है। इसके लिए एग्रीमेंट भी बनता है। यह पत्नी से लेकर कुंवारी लड़कियों तक खरीदी जाती हैं। इन्हें खरीदने के लिए दूर दराज से लोग आते हैं।

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शिवपुरी में किराए पर बीवी मिल जाती है। इसमें कुंवारी लड़कियों से लेकर शादीशुदा महिलाएं तक शामिल रहती हैं। इस मंडी में महिलाओं की बोली लगाई जाती है फिर उसका एग्रीमेंट बनता है। यह प्रक्रिया ₹10 से लेकर ₹100 तक के स्टांप पेपर पर तय की जाती है यह एक प्रथा है जिसे धड़ीचा प्रथा कहा जाता है।

क्या है 'धड़ीचा' प्रथा'?

मध्य प्रदेश के शिवपुरी में धड़ीचा प्रथा के तहत दूसरों की बहू बेटियां किराए पर लाई जाती हैं। इसके लिए हर साल एक समय तय किया जाता है। जब मंडी लगाई जाती है तो इसमें औरतों और लड़कियों को खरीदने के लिए पुरुष आते हैं। सबसे खास बात यह कि इस मंडी में कुंवारी लड़कियों से लेकर शादीशुदा लड़कियों तक किराए पर दी जाती है।

इस मंडी में पुरुष महिला का चाल-चलन देखकर उसका दाम लगाते हैं। जब किसी पुरुष को कोई लड़की या महिला पसंद आ जाती है तो वो 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के स्टांप पेपर पर करार कर एक निश्चित समय के लिए महिला को ले जाते हैं। इस एग्रीमेंट पर दोनों पक्षों की शर्तें भी लिखी होती हैं।

दोबारा बनवाया जा सकता है एग्रीमेंट?

अगर किसी पुरुष को महिला पसंद आ गए और उसे उसके साथ और समय बिताना है तो मंडी में जाकर उसे दोबारा एग्रीमेंट बनवाना होता है और फिर आगे की रकम देनी होती है। इसके बाद फिर कुछ समय के लिए वह महिला को किराए पर लेकर जा सकता है।

महिलाओं को क्यों किराए पर ले जाते हैं पुरुष?

पुरुष अपनी अलग-अलग जरुरतों के लिए महिलाओं को किराए पर ले जाते हैं। जैसे किसी को मां की सेवा करवाना होती है, तो वहीं कोई शादी का नाटक करने के लिए किराए पर ले जाता है। इसके अलावा किसी की शादी नहीं हुई है तो कुछ समय किराए पर ली हुई महिला के साथ बिता सकता है।

कभी भी तोड़ सकते हैं एग्रीमेंट

इस तरह के बने एग्रीमेंट में महिलाएं कभी भी एग्रीमेंट तोड़ कर वापस जा सकती है। उन्हें एग्रीमेंट तोड़ने का पूरा अधिकार भी होता है। अगर महिला अपने रिश्ते में खुश नहीं है तो वह इस एग्रीमेंट से बाहर निकल सकती है। इसके लिए महिला को स्टांप पेपर शपथ पत्र देना होता है। इसके बाद उसे कुछ पैसे वापस करने होते हैं। कई बार महिलाओं को बेहतर ऑफर मिलने पर भी वह एग्रीमेंट तोड़ देती है और दूसरे रिश्ते में चली जाती हैं।

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