मध्य प्रदेश के शिवपुरी के प्राथमिक अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल तक स्वास्थ्य सेवाएं वेंटिलेटर पर हैं और इसी का परिणाम आए दिन किसी ने किसी को भुगतना पड़ता है। अस्पताल की कई सारी अनियमिताएं सामने आती रहती हैं।इसी तरह रविवार को एक नया मामला कोलारस विकासखंड के खरई स्वास्थ्य केंद्र पर सामने आया है। यहां अस्पताल की लापरवाही के चलते एक नवजात बच्चे की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर सफाई कर्मी के खिलाफ कार्यवाही भी की जा रही है। लेकिन किसी के जीवन को लेकर अस्पताल में की गई लापरवाही सभी को परेशान कर रही है।पहाड़ी गांव के रहने वाले रामसेवक ओझा की पत्नी रानी को सुबह 9:00 बजे प्रसव पीड़ा हुई। रानी की उम्र 32 साल की है और तेज दर्द होने के बाद घर वालों ने 108 नंबर पर कॉल किया। कई बार फोन करने के बाद भी जब एंबुलेंस नहीं आई तो काफी देर इंतजार करने के बाद रानी की तबीयत और बिगड़ने पर घर वाले उसे प्राइवेट गाड़ी से खरई के अस्पताल में लेकर गए। उस समय अस्पताल में जिस नर्स की ड्यूटी थी वह वहां नहीं थी।स्टाफ नर्स प्रीति शिववंश भी अस्पताल में नहीं थी। रानी के घर वाले जब अस्पताल में पहुंचे तो वहां उन्हें एक महिला सफाई कर्मी दिखाई दी जिसका नाम नीतू था। नीतू रानी के घर वालों को बिना बताए उसे लेबर रूम में ले गई। नीतू ने रानी की डिलीवरी कराई लेकिन सफाई कर्मी डिलीवरी करना नहीं जानती थी लेकिन नीतू ने तुक्के में सारा काम किया और इसका खामयाजा रानी को अपनी बच्ची की मौत से चुकाना पड़ा।डिलीवरी के दौरान बढ़ती गई इस लापरवाही के कारण एक नवजात बच्चे की मौत हो गई और हैरान करने वाली बात यह है कि करीब सुबह 11:00 बजे डिलीवरी होने के बाद डॉक्टरों ने उसे रेफर करने के लिए 108 नंबर पर कॉल किया। तभी एंबुलेंस अस्पताल समय पर नहीं पहुंची।कई बार फोन करने के करीब 6 घंटे बाद शाम को 5:00 बजे एंबुलेंस आई। डॉक्टर ने 108 एंबुलेंस के वेंडर शोएब खान से बात की जिस पर शोएब खान ने उनसे यहां तक कह दिया कि आप मेरी शिकायत कर दो, मेरा क्या बिगाड़ लोगे। मैं तो डायरेक्ट एनएचएम से वेंडर हूं। जब डॉक्टर के फोन पर भी 108 उपलब्ध नहीं हो पा रही थी तो आप लापरवाही का अंदाजा लगा सकते हैं कि मरीज के कहने पर एंबुलेंस कैसे पहुंची होगी।उनका कहना है कि मैंने इस संबंध में स्टाफ नर्स प्रीति शिववंश को नोटिस भी जारी की है, जबकि सफाई कर्मी को अस्पताल से निकाल दिया गया है। अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर पराग जैन घटना वाले दिन छुट्टी पर थे, क्योंकि उनका पीजी का पेपर था।