तू ना हिंदू बनेगा ना मुसलमान बनेगा,इंसान की औलाद है,इंसान बनेगा, एक दौर में बड़ा लोकप्रिय गीत हुआ करता था। भाईचारे और शांति का संदेश देने वाले इस गीत को साहिर लुधियानवी ने लिखा था और 1959 में रिलीज हुई फ़िल्म 'धूल का फूल' में मोहम्मद रफ़ी ने इसे आवाज दी थी। लेकिन गीत के साथ ही ये अल्फाज भी पुराने हो गए लगते है। ये नया भारत है जहां अपनी जाति,धर्म को लेकर लोग गौरवान्वित महसूस करने लगे है।इस मामले को लंबा ना खीचते हुए हम आज उस खबर पर बात कर रहे है जो कि सुर्खियों में है। एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में मुस्लिम शिक्षिका के हिंदू समुदाय के बच्चों को तिलक लगाकर आने से मना करने का मामला सामने आया है तो वही हिंदू शिक्षिका ने मुस्लिम समुदाय के बच्चों को टोपी ना पहनकर आने को कहा।यह मामला अब बीएसएस तक पहुंच गया है।यह मामला यूपी के बिजनौर जिले का है।बिजनौर जिले के किरतपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय भनेड़ा के कक्षा 6,7 और 8 की कक्षाओं में 350 के आसपास हिंदू और मुस्लिम परिवारों के बच्चें शिक्षा ग्रहण करते हैं। गांव भनेड़ा के इस विद्यालय में मुख्य अध्यापक राजेंद्र सिंह, शिक्षक मुख्तार, शिक्षिका उषा और तनवीर आयशा कार्यरत है।कुछ अभिवावकों ने आरोप लगाया कि शिक्षिका तनवीर आयशा ने हिंदू समुदाय के बच्चों को तिलक लगाकर स्कूल आने पर नाराजगी जताते हुए कुछ बच्चों के माथे से तिलक मिटवा दिया और साथ ही बच्चों को चोटी ना रखने तथा बढ़ी हुई चोटी कटवाने को कहा।वही कुछ मुस्लिम बच्चों के अभिवावकों ने शिक्षिका उषा पर आरोप लगाया भी कि उन्होंने बच्चों से टोपी नहीं पहन कर आने को कहा।मुख्य अध्यापक राजेंद्र सिंह ने बताया कि कुछ अभिभावकों ने शिकायत की थी कि कुछ शिक्षिका स्कूल में बच्चों से तिलक लगाकर नहीं आने तथा चोटी कटवाने की चेतावनी देने और टोपी ना पहनने को कह रही है। राजेंद्र सिंह ने बताया कि उनके पास शुक्रवार को एक शिक्षक की कुछ मुस्लिम बच्चों को मस्जिद में ले जाकर नमाज अदा करवाने की शिकायत भी की गई है। उन्होंने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को पूरे प्रकरण की जानकारी दे दी है।खंड शिक्षा अधिकारी सूर्यकांत गिरि ने बताया कि घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने विद्यालय में पहुंचकर बच्चों से खुद पूछा है और आरोपी शिक्षकों पर कार्रवाई किए जाने की बात भी उन्होंने कही। बताया कि जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है।वही बीएसए योगेंद्र कुमार ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आया है। बीईओ किरतपुर को जांच को कहा गया हैं। जांच रिपोर्ट आने पर कार्रवाई तय की जाएगी। उन्होंने मुस्लिम शिक्षक द्वारा धार्मिक कपड़े पहनकर आने पर कहा कि शिक्षक की ड्रेस सामान्य होनी चाहिए। इसका पालन न करने वालों पर कार्रवाई की जाएंगी।