जैसे ही सर्दी का मौसम आता है वैसे ही कई लोगों के जोड़ों में या कई तरह के दर्द होने लगते है। कई बार तो यह इतना बढ़ जाता है कि दिन-रात आंसू बन जाते हैं। कई बार बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ करने या गलत तरीके से करने से भी हड्डियों के फ्रैक्चर का ख़तरा बढ़ जाता है।इसकी वजह से लोगों चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। शरीर में हड्डियों के फ्रैक्चर का ख़तरा तभी बढ़ता है जब विटामिन डी और कैल्शियम की कमी होती है। लेकिन एक दवा का इस्तेमाल करके इन बीमारियों से बचा जा सकता है।इस बेल को हड़जोड़ कहते हैं। जो कि हड्डियों को मजबूत बनाने की क्षमता के कारण इसे यह नाम दिया गया है। आयुर्वेद में भी इसका सही उपयोग बताया गया है। हड़जोड़ का मतलब होता है हड्डियों को जोड़ने वाली .यह औषधि टूटी हड्डियों को जल्दी जोड़ने में बहुत कारगर मानी जाती है।बता दें कि यह मुख्य रूप से भारत के पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। इस पौधे के तने और जड़ में कई औषधीय गुण होते हैं। जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और किसी भी दुर्घटना में इनके टूटने में फिर से बनाने में मदद करते हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञों कि मानें तो हड्डियों में कैल्शियम कार्बोनेट और फॉस्फेट होता है जो उनकी मजबूती बनाए रखती है। इनकी कमी के चलते लोगों में गठियां सहित जोड़ों के दर्द की परेशानियां होती है। हड़जोड़ में सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम कार्बोनेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। हड़जोड़ में होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। आयुर्वेद में इसे टूटी हड्डियों को जोड़ने का रामबाण उपाय माना जाता है।खास तौर से यह हड्डी को जोड़ने, पेट की समस्या, बवासीर, ल्युकोरिया, मोच, अल्सर, श्वास रोग, गठिया का दर्द, रीड की हड्डी का दर्द, ब्लीडिंग और सूजन में काफी लाभकारी होती है।नोट : हर दवा के अपने साइड इफ़ेक्ट होते हैं। इस दवा का सही तरीके से इस्तेमाल न करना या इसका अधिक मात्रा में इस्तेमाल करना फ़ायदेमंद नहीं है। जिसको अधिक सेवन से डायरिया, सिरदर्द, नींद न आना और दिल की धड़कन बढ़ जाना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन नहीं करना चागिए। सबसे ज्यादा दिल के मरीज़ों को इससे बचना चाहिए इसका सेवन नहीं करना चाहिए।