ट्रैफिक पुलिस के चालान से बचने के लिए इंजीनियरिंग के छात्रों ने लगाया एक बेहतरीन जुगाड़, बनाया यह प्रोजेक्ट
इंजीनियरिंग के छात्र वरुण का कहना है कि उनके दोस्त शुभम, विकास, अरमान और अभिषेक ने अपने कॉलेज में एक प्रोजेक्ट बनाया है जो एनवायरमेंट फ्रेंडली एक व्हीकल थीम पर बनाया है। इंजीनियरिंग कॉलेज के ऐसे कई मजेदार किस्से अधिकतर सामने आते रहते हैं जिनके बारे में सोशल मीडिया पर भी चर्चा होती है। अगर आप या आपका कोई दोस्त इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है तो उसे भी इस तरह के प्रोजेक्ट के बारे में जरूर बताना चाहिए।
यह मामला गाजियाबाद के हाईटेक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों का है जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल सड़क पर चलते वक्त ट्रैफिक पुलिस के भारी चालान का डर रहता है जो सभी को सताता है लेकिन इस चलन की समस्या का परमानेंट सॉल्यूशन इन छात्रों ने निकाल दिया है।
पुरानी स्कूटी को बनाया नई
इंजीनियरिंग के छात्र वरुण बताते हैं कि उनके साथ उनके दोस्त शुभम, विकास, अरमान और अभिषेक ने अपने कॉलेज में एक प्रोजेक्ट बनाया है, जो एनवायरमेंट फ्रेंडली इको व्हीकल थीम पर बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 24000 रुपए है छात्रों का कहना है कि बाजार से एक पुराना होंडा एविएटर को खरीद कर उसे पर इसका आविष्कार किया गया है। सबसे पहले स्कूटी का इंजन निकल गया फिर इस व्हीकल की मोटर, बैटरी, कनवर्टर, थ्रोटल और ब्रेक आदि को भी बदल गया और बीएलडीसी मोटर लगाई गई क्योंकि 15 साल के बाद जो स्कूटी होती है वह रजिस्ट्रेशन से बाहर हो जाती है। इसलिए उन्होंने इसी को कन्वर्ट कर दिया और फिर यही आइडिया काम आया। इस प्रोजेक्ट की गाजियाबाद के आरटीओ विभाग ने भी काफी तारीफ की है।
ये थी प्रोजेक्ट की बड़ी चुनौती
दरअसल पेट्रोल व्हीकल से इलेक्ट्रिक व्हीकल कन्वर्ट करने के कारण सेंट्रल ग्रेविटी पूरी तरीके से आउट हो जाती है जिसको काफी मुश्किल से सही किया गया। इसके अलावा स्कूटी में लोड कैपेसिटी के कारण बैटरी को अंदर शिफ्ट नहीं कर पाए। इसलिए इसको बाहर लगाना पड़ा. लगभग तीन से चार घंटे के चार्ज में 25 से 30 किलोमीटर यह व्हीकल चल सकता है। ऐसे में सिर्फ 2 रूपये किलोमीटर भी खर्चा नहीं पड़ता है और पेट्रोल भरवाने की टेंशन से भी व्यक्ति आजाद हो जाता है।