रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जिनमें से एक यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) की लिमिट बढ़ाने का है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया और बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लेकिन, यूपीआई की लिमिट बढ़ाने के फैसले के बारे में जानना आपके लिए फायदेमंद होगा।यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट की सीमा अब 5 लाख रुपयेआरबीआई गवर्नर ने घोषणा की है कि अब यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इसका मतलब है कि अब आप यूपीआई के जरिए 5 लाख रुपये तक का ट्रांजेक्शन कर सकेंगे। पहले यह लिमिट 1 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन थी। इससे आपको बड़े पेमेंट करने में आसानी होगी और आपका समय भी बचेगा।आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा?आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कुछ खास हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन को छोड़कर, यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट 1 लाख रुपये थी। इसे बढ़ाने की मांग की जा रही थी और आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है।यूपीआई के लिए एक और बड़ा फैसलाआरबीआई ने यूपीआई के जरिए डेलिगेटेड पेमेंट्स की सुविधा को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है। इसके तहत प्राइमरी यूजर को सेकेंडरी यूजर को यूपीआई ट्रांजेक्शन करने में आसानी होगी। एक तय लिमिट तक का ट्रांजेक्शन यूपीआई से हो सकता है और इसके लिए सेकेंडरी यूजर को अलग बैंक खाते की जरूरत नहीं होगी।यूपीआई बन चुका है भारतीयों की आदतयूपीआई का फायदा रोजाना करोड़ों भारतीय उठा रहे हैं। इसके जरिए लोग बड़ी आसानी से क्यूआर कोड स्कैन करके या केवल फोन नंबर के जरिए जगह-जगह पेमेंट कर पा रहे हैं। स्कैनर या मोबाइल नंबर ही नहीं, बल्कि यूपीआई आईडी के जरिए भी पैसा भेजा या मंगाया जा सकता है। इसलिए, टैक्स पेमेंट के ट्रांजेक्शन की पेमेंट लिमिट बढ़ाने का आरबीआई का फैसला आम लोगों को बड़ा फायदा दे सकता है।