दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को लेकर कई तरह की पाबंदियां लगी हुई है। लेकिन इन पाबंदियों का नुकसान उत्तराखंड सरकार को हो रहा है। यह नुकसान कोई छोटा मोटा नहीं बल्कि यह नुकसान हर दिन 30 लाख रुपये तक का है।जिसके चलते खुद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को अधिकारियों की अहम बैठक करनी पड़ी। यह मामला उत्तराखंड परिवहन की बसों के दिल्ली जाने से जुड़ा है।उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा बुलाई गई बैठक में ट्रांसपोर्ट विभाग के साथ ही कई सीनियर अधिकारी भी मौजूद रहे। उत्तराखंड रोडवेज को हो रहे लाखों के नुकसान को लेकर हुई इस मीटिंग में इससे निपटने का प्लान तैयार किया गया है।दरअसल, दिल्ली में प्रदूषण के चलते प्रशासन केवल BS 6 बसें ही दिल्ली जा पा रही हैं, बाकी दिल्ली के यात्रियों वाली बसें गाजियाबाद के मोहन नगर तक जाती हैं। हालांकि अभी कोई त्योहार नहीं है, तो बस अड्डे पर भले ही मारामारी न हो, लेकिन रोडवेज को रोजाना करीब 30 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। दिल्ली-देहरादून के बीच रोजाना 502 बस चलती थी, लेकिन अब ये संख्या 288 रह गई है।ऐसे मे मुख्य सचिव द्वारा ली गई मीटिंग में इस बात पर फोकस किया गया कि दिल्ली जाने वाले यात्रियों को कन्फ्यूजन न हो। जो बसें गाजियाबाद में मोहननगर तक जा रही हैं, उन्हें कौशांबी तक जाने का निर्देश दिया है। इसके अलावा मुख्य सचिव ने तुरंत ही 175 नई बसें खरीदने के आदेश भी दिए हैं। इसके अलावा दिल्ली जाने वाली बसों के फेरे बढ़ाने से लेकर शनिवार और रविवार तक में बसों के फेरे बढ़ाने के आदेश दिए हैं।इस मामले में गढ़वाल के रोडवेज यूनियन के महामंत्री हरि सिंह का कहना है कि इससे रोजाना करीब 30 लाख रुपए की कमाई का नुकसान हो रहा है, तो कई सिंगल रूट पर भी दिक्कत आ रही।यूनियन के महामंत्री ने यह भी कहा कि वहीं फरीदाबाद, गुरुग्राम, जयपुर की भी सवारी परेशान हो रही है, क्योंकि सब जगह के लिए दिल्ली से होकर जाना पड़ता है।