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उत्तराखंड के किसानों को वीपीकेएएस की सौगात: मंडुवा, झंगोरा और चौलाई की नई प्रजातियाँ की विकसित

09:40 PM Aug 09, 2024 IST | Newsdesk Uttranews
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उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि को और भी फायदेमंद बनाने के लिए विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा ने मंडुवा, झंगोरा और चौलाई की नई प्रजातियाँ विकसित की हैं। इन प्रजातियों को विशेष रूप से उत्तराखंड की जलवायु और कृषि परिस्थितियों के लिए उपयुक्त बनाया गया है।

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मंडुवा की नई प्रजातियाँ
वी.एल. मंडुवा 402: यह प्रजाति झौंका प्रतिरोधी है और जल्दी पकने वाली है, जिसका विकास जी.पी.यू. 28 और वी.एल. मंडुवा 347 के संकरण से हुआ है। यह 108 से 110 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार 22 कुंतल प्रति हेक्टेयर होती है। इसमें कैल्शियम की मात्रा 368 मि.ग्रा. प्रति 100 ग्राम है।
वी.एल. मंडुवा 409: के.एम.आर. 118 और वी.एल. मंडुवा 347 के संकरण से बनी यह प्रजाति 112-116 दिनों में पकती है। इसकी पैदावार 21 कुंतल प्रति हेक्टेयर है और इसमें कैल्शियम की मात्रा 393 मि.ग्रा. प्रति 100 ग्राम है। यह प्रजाति भी झौंका रोग के प्रति प्रतिरोधी है।

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झंगोरा की नई प्रजाति
वी.एल. मादिरा 254: यह प्रजाति वी.एल. 464 और वी.एल. मादिरा 172 के संकरण से विकसित हुई है। यह प्रजाति 98 से 102 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और इसकी पैदावार 20 कुंतल प्रति हेक्टेयर है। यह कंडरोग के प्रति भी प्रतिरोधी है।

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चौलाई की नई प्रजाति
वी.एल. चुआ 140: यह प्रजाति उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की वर्षा आधारित कृषि प्रणाली के लिए उपयुक्त है। 120 से 125 दिनों में पकने वाली इस प्रजाति में प्रोटीन की मात्रा 14.38% और लायसीन की मात्रा 13.5% पाई गई है, जो अन्य प्रजातियों से अधिक है।

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इन नई प्रजातियों का विमोचन केंद्रीय उपसमिति की 92वीं बैठक में 2 अगस्त 2024 को किया गया। ये प्रजातियाँ न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में खेती के लिए नए विकल्प प्रदान करेंगी। इन प्रजातियों की अधिक उपज से किसानों को बेहतर आय के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही, इनके मूल्यवर्धित उत्पादों के विपणन से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।इन प्रजातियों का विकास डॉ. लक्ष्मीकान्त, निदेशक, विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के नेतृत्व में डॉ. दिनेश चन्द्र जोशी, डॉ. शैलेश सूद, डॉ. राजेश कुमार खुल्बे, डॉ. महेन्द्र सिंह भिण्डा, जी.एस. बिष्ट और डॉ. मनोज परिहार ने किया है। इनमें से तीन प्रजातियों - वी.एल. मंडुवा 402, वी.एल. मादिरा 254 और वी.एल. चुआ 140 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अगस्त 2024 को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली में जारी करेंगे।

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