भागलपुर के ततारपुर थाना क्षेत्र के रहमान क्लिनिक में मरीज की मौत हो गई जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा काट दिया। मणिपुर निवासी निशा डिलीवरी के लिए डॉ इमराना परवीन के पास आई थी और उसकी नॉर्मल डिलीवरी हुई थी, लेकिन उसके बाद मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि डिलीवरी नर्स ने कराई और उसमें लापरवाही बरती गई जिसके कारण निशा की मौत हुई है।आरोप लगाया जा रहा है कि डिलिवरी के दौरान जबरदस्ती पेट दबाया गया जिससे प्रसूता की स्थिति बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। मृतका एएनएम पद पर कार्य करती थीं, वहीं पति भी डॉक्टर हैं।परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर की लापरवाही और डॉक्टर के नहीं देखने के कारण निशा की मौत हुई है। हंगामा देख मौके पर पुलिस भी पहुंच गई और मामले की जांच में जुट गई है और परिजनों से बात की। वहीं, इस मामले पर डॉक्टर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। वहीं, आरोप के अनुसार, डिलवरी के दौरान पेट दबाने से प्रसूता का यूट्रस फट गया और इंटरनल ब्लीडिंग होने लगी। ब्लीडिंग होने के आधे-एक घंटे में प्रसूता की मौत हो गई। प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने नर्सिंग होम परिसर में जमकर हंगामा काट दिया।बताया जा रहा है कि 28 साल की मृतक निशा मुंगेर जिले की रहने वाली थी और मुजफ्फरपुर के एक अस्पताल में एएनएम थीं। परिजनों के अनुसार, मंगलवार की सुबह रहमान नर्सिंग होम में डिलीवरी के लिए भर्ती कराया तो डॉक्टर ने कहा कि अभी डिलीवरी में टाइम है और नॉर्मल डिलीवरी होगी। लेकिन, मंगलवार की रात 12 बजे न कोई महिला डॉक्टर थी और न नर्स। इसके बावजूद डिलीवरी करवाई गई। नर्सिंग होम के कंपाउंडर ने प्रसूता के पेट पर दबाव बनाया और डिलीवरी करवाई। इसके बाद ही उसकी स्थिति बिगड़ गई और अंतत: मौत हो गई।प्रसूता की मौत के बाद परिजन ने नर्सिंग होम में हंगामा किया जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराया। ततारपुर थाना अध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी रीता कुमारी के अनुसार, पीड़ित पक्ष की ओर से किसी तरह की कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई। फिलहाल, पीड़ित परिवार मृतका के शव को अपने साथ ले गए हैं। शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।