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आप भी तो नहीं खा रहें चीनी लहसुन, सेहत के लिए है हानिकारक, इस तरह करे इसकी पहचान

12:20 PM Sep 29, 2024 IST | editor1
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लहसुन के दाम आसमान पहुंच रहें है। इस बीच सब्‍जी बाजारों में 'चीनी लहसुन' भी खुलेआम बिक रहा है, जिस पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है। यह चीनी लहसुन सेहत के लिए बेहद खतरनाक होते है। जिसकी वजह से इसकी बिक्री पर बैन लगाया गया है।

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हाल ही में चीनी लहसुन की बिक्री का मुद्दा इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच गया है। इसके बाद अदालत ने सरकारी अधिकारियों से पूछा कि प्रतिबंधित 'चीनी लहसुन' बाजार में कैसे उपलब्ध है? कहीं, आप भी तो अपनी रसोई में चीनी लहसुन नहीं ला रहे हैं। चीनी और भारतीय लहसुन में बहुत बारीक अंतर होता है, जिसकी वजह से आमतौर पर लोग धोखा खा जाते हैं।

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तो आइए जानते है चीन और भारतीय लहसुन में 6 बड़े अंतर
1 दिल्‍ली के सब्‍जी बाजरों में भी इन दिनों कहीं-कहीं चमकदार और बड़ा लहसुन देखने को मिल रहा है, जो सेहत के लिए खतरनाक है, क्‍योंकि ये चाइनीज लहसुन है।

  1. चीन का लहसुन, देसी लहसुन से साइज में काफी बड़ा होता है। देसी लहसुन की 4 कलियां और चीनी लहसुन की एक कली लगभग बराबर होती है।
  2. देसी लहसुन की कलियां या तुरी बारीक और पतली होती हैं, वहीं चाइनीज लहसुन की कलियां खिली हुईं और मोटी होती हैं।
  3. चाइनीज लहसुन कैमिकल्‍स के इस्‍तेमाल से बनाया जाता है। इसमें सिंथेटिक प्रोसेस का इस्‍तेमाल किया जाता है। जिसके चलते यह एकदम सफेद, साफ और चमकदार दिखाई पड़ता है। वहीं देसी लहसुन कुछ क्रीम या पीलापन लिए हुए होताहै।
  1. चीनी लहसुन को काटने पर इसमें गंध बेहद कम आती है। वहीं, देसी लहसुन की गंध बहुत तेज होती है, जिसे काफी दूर से भी सूंघा जा सकता है।
  2. देसी लहसुन को छीलने में काफी परेशानी होती है, और इसका छिलका हाथों में काफी चिपकता है। लेकिन देसी लहसुन का छिलका काफी आसानी से हट जाता है और हाथों में चिपकता भी नहीं है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट में शुक्रवार को याचिकाकर्ता ने प्रतिबंधित लहसुन को पेश किया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि बैन किया हुआ चीनी लहसुन इन दिनों बाजारों में खुलेआम बिक रहा है। इसके बाद अदालत ने केंद्र सरकार से देश में चीनी लहसुन पर प्रतिबंध से संबंधित आदेश पेश करने को कहा और यह भी बताने को कहा कि चीन से उक्त प्रतिबंधित लहसुन के आयात को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई एक अक्टूबर को होगी। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओ पी शुक्ला की पीठ ने स्थानीय वकील मोतीलाल यादव द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया।

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